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सुभाष चंद्र बोस के स्वदेशी के मूल मंत्र से निकला ‘हुनर हाट’, लखनऊ में हुनरमंदों का 12 दिवसीय जमावड़ा

सुभाष चंद्र बोस। (फाईल फोटो)

स्वदेशी के उद्घोषक सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर आयोजित हुनर हाट कार्यक्रम में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, आज का दिन हम सभी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी व स्वतंत्रता सेनानियों ने सदियों से गुलामी की बेड़ियों से जकड़े हुए भारत को मुक्त कराने के लिए स्वदेशी मूल मंत्र का उद्घोष किया था।

लखनऊ के अवध शिल्प ग्राम में आज से हुनर हाट का आयोजन शुरू हुआ है। इसमें देश के कोने-कोने से आए शिल्पकार, दस्तकार, कारीगरों का जमावड़ा होगा। सीएम योगी ने अवध शिल्प में आज से 12 दिवसीय 24वें हुनर हाट का उद्घाटन किया है। इस समारोह में उनके साथ केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी भी मौजूद रहे। इस मौके पर योगी ने कहा कि यूपी ओडीओपी ने परंपरागत उद्यम को दुनिया के विभिन्न देशों तक पहुंचाने का कार्य किया है।

उन्होंने कहा, यूपी में देश के शिल्पकार, दस्तकार, कारीगर अपने हुनर का लोहा मनवाने, नई पीढ़ी को इस मार्ग का अनुसरण करने एवं आत्मनिर्भर भारत की ओर अग्रसर करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। यह हम सबके लिए अभिनंदनीय एवं स्वागत योग्य है। सीएम ने कहा कि इस बार का हुनर हाट इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें यूपी ओडीओपी को भी जोड़ने का कार्य किया गया है। यह परम्परागत उद्यम को प्रोत्साहित कर रहा है।यूपी हजारों हुनरमंद दस्तकारों और शिल्पकारों को बड़ा प्लेटफार्म प्रदान कर रहा है।

वोकल फॉर लोकल थीम को केंद्र में रखा गया

इस कार्यक्रम में 31 राज्यों के बाजार के उत्पादों का प्रदर्शन होगा। इसमें प्रदेश का ओडीओपी उत्पाद भी अपनी पूरी विविधता के साथ मौजूद है।इसका आयोजन चार फरवरी तक किया जाएगा। इसमें देश के दस्तकारों-शिल्पकारों के स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहन और बाजार उपलब्ध कराने की मुहिम को आगे बढ़ाने का भी कार्यक्रम है। 24 वें हुनर हाट का आयोजन वोकल फॉर लोकल थीम को केंद्र बनाकर किया जा रहा है।


लखनऊ के हुनर हाट में आंध्र, असम, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखण्ड, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, ओडिशा, पुडुचेरी, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से लगभग 500 हुनरमंद अपने उत्पादों के साथ पूरे समय तक मौजूद रहेंगे।