देश में कोरोना वायरस के की वजह से अस्पताल में मरीजों के लिए जगह नहीं बची है। देश में ऑक्सीजन की कमी हो गई है। देश में कोरोना महामारी ने ऐसा कहर बरपाया है कि कई राज्यों में अस्पतालों में ऑक्सीजन और बेड्स की किल्लत हो गई है। कोरोना के मरीज ऑक्सीजन के लिए दर दर भटक रहे हैं। ऐसी मुश्किल घड़ी में अब भारतीय वायुसेना ने मोर्चा संभाल लिया है। केंद्र विदेश से ऑक्सीजन सप्लाई के लिए टैंकर मंगवा रही है। गृह मंत्रालय ने जानकारी दी है कि सिंगापुर से चार क्रायोजेनिक (कम तापमान बनाए रखने में सक्षम) टैंकर विमानों से मंगाए जा रहे हैं जिसका इस्तेमाल ऑक्सीजन को देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाने के लिए किया जाएगा।
कोरोना से लड़ने के लिए सबसे अधिक जरूरी ऑक्सीजन को ले जाने वाले इन टैंकर्स को भारतीय वायुसेना के सी-17 एयरक्राफ्ट से लेकर आया जा रहा है। आज वायुसेना के C-17 विमान क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंकर के 4 कंटेनर लेने के लिए सिंगापुर के चांगी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचे हैं। C-17 विमान ऑक्सीजन टैंक के 4 कंटेनरों को लोड करेंगे और इसके बाद इन कंटेनरों को आज शाम तक पश्चिम बंगाल के पनागर एयरबेस पर उतार देंगे। इन विमानों ने आज गाजियाबाद के हिंडन हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी।
बताते चले कि इससे पहले कल भारतीय वायुसेना ने चिकित्सीय ऑक्सीजन के खाली टैंकर और कंटेनरों को विमानों के जरिये देश के विभिन्न फिलिंग स्टेशनों पर पहुंचाने का काम शुरू किया ताकि जल्द से जल्द कोरोना मरीजों के लिए 'ऑक्सीजन' का वितरण सुनिश्चित किया जा सके। अधिकारियों ने बताया कि वायुसेना के विमानों ने कोच्चि, मुंबई, विशाखापत्तनम और बेंगलुरु से डॉक्टरों और नर्सों को दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों के लिए पहुंचाया।
In another step towards scaling up oxygen supply, high capacity tankers are being airlifted from abroad by Indian Air Force aircraft for smooth movement of O2.
One C-17 of IAF with liquid O2 containers loaded at Changi airport, Singapore today.@HMOIndia @IAF_MCC pic.twitter.com/jOuan6cWky
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) April 24, 2021
ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने 50 हजार मेट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन को इम्पोर्ट करने का फैसला लिया है। साथ ही, विदेश मंत्रालय से यह भी पूछा है कि और किन-किन रूट्स से दूसरे देशों से ऑक्सीजन को इम्पोर्ट किया जा सकता है। इसके अलावा, केंद्र सरकार ने जर्मनी से 23 मोबाइल ऑक्सीजन प्लांट्स को एयरलिफ्ट करने की भी योजना बनाई है।