राजस्थान के बाड़मेर में मिग 21 बाईसन के क्रैश होने के साथ ही बिहार के बक्सर में एक चिनूक हेलीकॉप्टर दुर्घटना का शिकार होने से बाल-बाल बच गया। अधिकारिक तौर पर मिली जानकारी के अनुसार चिनूक हेलीकॉप्टर ने प्रयाग राज से बिहटा के लिए उड़ान भरी थी कि बक्सर जिले के मानिकपुर गांव के आसमान में पहुंचने से पहले हेलीकॉप्टर के विंग से चिंगारियां निकलने लगीं और तेज आवाज आने लगी। हेलीकॉप्टर को दुर्घटनाग्रस्त होने से बचाने के लिए तत्काल लैण्डिंग का फैसला किया। इसलिए जैसे ही पायलट को नीचे हरा मैदान दिया तत्काल नीचे उतार दिया। मैदान गीला होने की वजह से लैण्डिंग के समय हेलीकॉप्टर के पहिए जमीन में धंस गए।
इमरजैंसी में कराई गई लैण्डिंग से किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है। हेलीकॉप्टर में 2 क्लास वन ऑफिसर्स के अलावा कुल 20 लोग सवार थे। सभी सकुशल हैं। चिनूक हेलीकप्टर की इमरजेंसी लैण्डिंग की जानकारी एयरफोर्स तथा इंजीनियरिंग विभाग को भी दे दी गई है। उनके आने के बाद ही इसके यहां से दोबारा उड़ने की संभावना है। फिलहाल इसमें सवार अधिकारियों और कर्मचारियों को पास के मानिकपुर हाईस्कूल में ठहरने की व्यवस्था की गई है। जिस खेत में हेलीकॉप्टर को उतारा गया है वह मानिकपुर हाईस्कूल के मैदान का ही हिस्सा है।
मानिकपुर स्कूल में हेलीकॉप्टर के लैंड करते ही ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। लोग हेलीकाप्टर के साथ सेल्फी लेने लगे। इमरजेंसी लैंडिंग के वास्तविक कारणों का पता लगाया जा रहा है। एसपी नीरज कुमार सिंह ने बताया कि तकनीकी गड़बड़ी के कारण हेलीकॉप्टर को लैंड किया गया है। हेलीकाप्टर में सवार सभी अधिकारी सुरक्षित हैं।
चिनूक हेलीकॉप्टर दो साल पहले ही मार्च 2019 में इसे भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। यह हेलीकॉप्टर ऊंचे और दुर्गम इलाकों में भारी भरकम साजो सामान ले जाने में सक्षम माना जाता है। इसी तरह के तीन हेलीकॉप्टरों में सवार अमेरिकन मरींस कमाण्डोज ने 2011 में अलकायदा के सरगना आतंकी ओसामा बिन लादेन का काम तमाम किया था।