पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की निगाह में खोट नजर आने लगा है। कुछ दिन पहले ही इमरान खान ने पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों के धर्म स्थलों की देख-रेख का जिम्मा ईटीपीबी के हाथों सौंप दिया है। ईटीपबी मतलब इवैक्वी ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड। बीस सदस्यों वाले इस बोर्ड में कहने को तो पांच हिंदु सिख हैं लेकिन उनके पास अधिकार कुछ भी नहीं है। गुरुद्वारों की देख-रेख के लिए भारत की तरह ही पाकिस्तान में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी है। अभी तक करतारपुर साहब की देख-रेख शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ही करती थी, लेकिन गुरु नानकदेव जी के 551वी सालगिरह के कार्यक्रमों के बहाने करतारपुर साहब पर भी सरकार ने कब्जा कर लिया है।
गुरुद्वारे के रख रखाव के जिम्मेदारी जिस संस्थान को संभालने के लिए दी गई है उनके सभी 9 सदस्य इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड से जुड़े हुए हैं। बता दें कि ईटीपीबी को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई कंट्रोल करती है। इस संस्थान का सीईओ मोहम्मद तारिक खान को बनाया गया है।
पाकिस्तान सरकार आने वाले समय में गुरुद्वारे के जरिए व्यापार करने का प्लान तैयार कर रहा है। इमराना सरकार की ओर इस संबंध में एक आदेश में जारी किया गया है, जिसमें व्यापार से जुड़े पूरे प्लान का जिक्र किया गया है।
कोरोना महामारी के बाद करतारपुर कॉरिडोर को बंद कर दिया गया था। भारत की ओर से कहा जा चुका है कि कोरोना महामारी की स्थिति नियंत्रण में आने के बाद भी इसे खोलने को लेकर फैसला लिया जाएगा। बता दें कि 30 नवंबर को गुरु नानक देव जी की 551वीं जयंती है, जिसके लिए पाकिस्तान ने सिख श्रद्धालुओं को आमंत्रित किया है, वहीं भारत के सामने भी पाक ने करतारपुर कॉरिडोर को खोलने का प्रस्ताव रखा है।.