शिवसेना के एक प्रमुख कार्यकर्ता के 'अजान की आवाज मीठी' लगने वाली बयान के बाद भाजपा हमलावार हो गई और उसकी ओर से कहा गया कि शिवसेना हिंदुत्व छोड़ चुकी है। अजान (azaan controversy in maharashtra) के विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में लिखा कि भाजपा का हिंदुत्व खोखला है। <strong>अजान</strong> (azaan controversy in maharashtra) पर शिवसेना पदाधिकारी के बयान पर भाजपा के विधायक और बीएमसी चुनावों के प्रभारी अतुल भातखलकर का कहना है, शिवसेना के कुछ नेता अब यह कह रहे हैं कि उन्हें <strong>अजान </strong>(azaan controversy in maharashtra) सुनना पसंद है और उन्हें यह सुनकर मन को शांति मिलती है। उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री बनने के लिए भगवा झंडे को त्याग दिया था और अब अपनी कुर्सी की सुरक्षा के लिए उन्होंने हरी झंडी दिखाई दे रही है।
<a href="https://hindi.indianarrative.com/india/big-leaders-may-land-in-jail-why-read-story-12929.html" target="_blank" rel="noopener noreferrer"><strong><span style="color: #000080;">शिवसेना</span></strong></a> के कांग्रेस और राकंपा के साथ मिलकर सत्ता में आने के बाद उसके नीति और सिद्धांतों में कुछ बदलाव जरूर लगता है। शिवसेना पहले राम मंदिर, कश्मीर में धारा-370, धर्मांतरण और लव जिहाद के मुद्दे पर जितना मुखर रहती थी, वह महाराष्ट्र में सत्ता प्राप्ति के बाद इन सभी कोर मुद्दों पर उतनी ही रणनीतिक चुप्पी साधे रहती है। ऐसे ही पालघर में साधु की हत्या मामले में भी शिवसेना सरकार की कार्रवाईयों पर सवाल खड़े हुए।
वहीं, अजान वाले मामले के बाद शिवसेना ने बीजेपी पर सवाल खड़े करते कहा, बीजेपी का हिंदुत्व खोखला है। भाजपा का खोखला हिंदुत्व बीच-बीच में फुसफुसाता रहता है। उसी तरह अब वह एक अजान प्रकरण में फुसफुसाता नजर आ रहा है। सामना में सफाई पेश किया गया कि दक्षिण मुंबई के शिवसेना के विभाग प्रमुख पांडुरंग सकपाल ने मुस्लिम भाइयों की एक स्वयंसेवी संस्था द्वारा आयोजित अजान प्रतियोगिता की सराहना की और सहयोग देने का आश्वासन दिया।
आपको बता दें कि शिवसेना के दक्षिण मुंबई विभाग प्रमुख पांडुरंग सकपाल ने एक कार्यक्रम में कहा था कि मस्जिद से दी जाने वाली अजान की आवाज उन्हें मीठी लगती है। बच्चों के खातिर अजान प्रतियोगिता आयोजित की जानी चाहिए। इसके बाद भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर शिवसेना पर तीखा हमला करना शुरू कर दिया।
बीजेपी विधायक और <a href="https://portal.mcgm.gov.in/irj/portal/anonymous"><strong><span style="color: #000080;">बीएमसी</span></strong></a> चुनावों के प्रभारी अतुल भातखलकर ने कहा, शिवसेना के कुछ नेता अब यह कह रहे हैं कि उन्हें अज़ान सुनना पसंद है और उन्हें यह सुनकर मन को शांति मिलती है। उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री बनने के लिए भगवा झंडे को त्याग दिया था और अब अपनी कुर्सी की सुरक्षा के लिए उन्होंने हरी झंडी दिखाई दे रही है। अब महाराष्ट्र के लोगों को समझ में आया होगा कि एक लड़की करिश्मा भोंसले, जिसने आनंदी नगर में अज़ान के खिलाफ शिकायत की थी, उसे क्यों गिरफ्तार कर लिया गया था। उसकी रक्षा के लिए बीजेपी को आगे आना पड़ा। अब तो ओवैसी को भी सत्ता के लिए शिवसेना के पाखंड पर शर्म आएगी।
वहीं शिवसेना की ओर से कहा गया कि पीएम मोदी, केंद्रीय मंत्री गोयल की भी कुछ तस्वीरें प्रसारित हुई हैं लेकिन हमें इस मामले में बखेड़ा खड़ा नहीं करना है क्योंकि देश के 22 करोड़ मुसलमान देश के नागरिक हैं। बांग्लादेशी घुसपैठिये, पाकिस्तानी, रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर शिवसेना की भूमिका सख्त है लेकिन अब तक मोदी सरकार ने कितने बांग्लादेशियों को ढूंढकर उन्हें बाहर फेंका है। यह ‘ट्रोल बहादुर भक्तों’ की टोली बता सकती है क्या?
शिवसेना ने कहा, मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर एक विवादित विषय हैं। मस्जिद पर लगे लाउडस्पीकर से इस्लाम मजबूत नहीं होता है और इस मामले में केंद्र सरकार को एक अध्यादेश जारी करके इस विवाद को और ध्वनि प्रदूषण को रोकना चाहिए। इसका हिंदुत्व से संबंध जोड़ा जाता है फिर भी यह विषय पर्यावरण और ध्वनि प्रदूषण से संबंधित है। आज सर्वाधिक लाउडस्पीकर उत्तर प्रदेश, बिहार की मस्जिदों पर लगे हैं। कश्मीर घाटी से अनुच्छेद-370 हटा दिया गया, फिर भी इन लाउडस्पीकरों से लोगों को उकसाया जाता है। उसे भी रोकना नहीं चाहिए क्या?.