मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की रहने वाली योगिता रघुवंशी भारत की पहली महिला ट्रक ड्राइवर है। 15 साल से योगिता हाइवे पर राज कर रही है। पति की मौत के बाद वो ट्रक चलाकर अपने परिवार की जिम्मेदारी उठा रही है। वो एक क्वालिफाइड वकील रह चुकी है, लेकिन हालातों के चलते वो ट्रक ड्राइवर बन गई। इसको लेकर योगिता का कहना है कि अगर वो वकालत में आगे बढ़तीं तो कई सालों तक उन्हें बहुत कम पैसा मिलता या बिल्कुल नहीं मिलता, लेकिन इस रोजगार ने उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है।
योगिता की उम्र 49 साल है। उनके दो बच्चे है, जिनका पालन पोषण वो बीते 15 सालों से ट्रक चला कर रही है। अपने ट्रक से वो देश के कोने-कोने तक सफर कर चुकी है। साल 2003 में उनके पति राजबहादुर रघुवंशी की सड़क हादसे में मौत हो गई। योगिता के पति के अंतिम संस्कार से आते वक्त उनके भाई की भी एक हादसे में मौत हो गई। इस मुश्किल घड़ी में योगिता के सामने जिंदगी एक चुनौती बनकर खड़ी थी। योगिता के पास कॉमर्स और लॉ की डिग्री के साथ-साथ ब्यूटीशियन का प्रमाणपत्र भी है। लेकिन उस वक्त ऐसे काम की तलाश थी, जिससे घर का गुजारा हो सके।
ऐसे में उन्होंने ट्रक चलाने का फैसला किया। एक इंटरव्यू में योगिता ने बताया कि जब मेरे पति का देहांत हुआ तो मुझे पैसों की कमी को पूरा करना था। उनका एक ट्रक था तो मैंने पहले ड्राइवर रखकर उसे चलवाया, लेकिन उससे फायदा नहीं हुआ। फिर मैंने ड्राइविंग सीखने की कोशिश की, मैं सीख भी गई। धीरे-धीरे सब चीजें आसान होने लगीं। इस दौरान ना केवल हिंदी, बल्कि अंग्रेजी, गुजराती, मराठी और तेलुगू जैसी कई भाषा भी उन्होंने सीखी। कोई भी काम शुरु करो तो परेशानियां जरुर आती है। योगिता के सामने भी अड़चनें आई। लोगों ने कहा कि इस फील्ड को छोड़ दो ये लेडीज के लिए फील्ड नहीं है। इस योगिता का कहना है कि ये तय करने वाला कोई और नहीं होता है कि कोई फील्ड लेडीज के लिए है या नहीं। आज योगिता देशभर की महिलाओं के लिए एक मिसाल है।