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भारत की महाविनाशक सबमरीन को देख चीन और पाकिस्तान के छूटे पसीने, काफी दूरी से बना सकती है निशाना

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भारत की महाविनाशक पनडुब्‍बी को देख चीन और पाकिस्तान में खलबली मच गई है। बताया जा रहा है कि यह भारतीय पनडुब्‍बी करीब 7 हजार टन की है जो अब तक बनी दो अन्‍य पनडुब्बियों से ज्‍यादा है। यह सबमर्सिबल बल‍िस्टिक न्‍यूक्लियर सबमरीन अरिहंत श्रेणी की तीसरी परमाणु पनडुब्‍बी है। इस पनडुब्‍बी को 23 नवंबर को भारत के विशाखापत्‍तनम स्थित गोपनीय शिप बिल्डिंग सेंटर से लॉन्‍च किया गया। इससे पहले आईएनएस अरिघात और आईएनएस अरिहंत को लॉन्‍च किया जा चुका है।

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एस4 पनडुब्‍बी अपनी पूर्ववर्ती दो अन्‍य पनडुब्बियों की तुलना में थोड़ा बड़ी है और यह 7 हजार टन की है। आईएनएस अर‍िहंत 6 हजार टन की है। एस4 पनडुब्‍बी में 8 मिसाइल लॉन्‍च ट्यूब लगे हुए हैं, वहीं आईएनएस अरिहंत में इन मिसाइल ट्यूब्‍स की संख्‍या 4 थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह S4 परमाणु पनडुब्‍बी 8K-4 सबमरीन लॉन्‍च बलिस्टिक मिसाइल ले जा सकती है जिसकी मारक क्षमता 3500 किमी बताई गई है। वहीं इस पर 24 के-15 मिसाइल को तैनात किया जा सकता है। भारत अभी के-4 मिसाइल का विकास कर रहा है और जल्‍द ही इसका परीक्षण किया जा सकता है।

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भारत की यह मिसाइल और पनडुब्‍बी पूरी तरह से तैयार हो जाने के बाद भारतीय नौसेना काफी दूरी से चीन और पाकिस्‍तान को निशाना बना सकती है। भारत परमाणु हमला होने की सूरत में चीन और पाकिस्‍तान पर समुद्र के जरिए भी परमाणु बम से जवाबी हमला कर सकता है। इस मिसाइल को भारत के डीआरडीओ और परमाणु ऊर्जा विभाग ने मिलकर बनाया है। इस सबमरीन को बनाने में भारतीय नौसेना और रूसी वैज्ञानिकों और तकनीकी कर्मचारियों ने मदद की है। भारत की योजना है कि इस तरह की 4SSBN को नौसेना में शामिल किया जाए। यही नहीं, भारत के पास दो और परमाणु पनडुब्बी का विकल्प रहेगा। एस4 पनडुब्‍बी के परमाणु रिएक्‍टर को भी और ज्‍यादा बेहतर बनाया गया है।