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भारत ने इमरान खान की दुखद हालत पर दिया ये बड़ा बयान, देखें पाकिस्तान पीएम की कुर्सी छिन जाने पर क्या कहा?

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सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद पाकिस्तान विशेषज्ञ भी एकदम सोच विचार कर बोल रहे हैं, क्योंकि किसी को नहीं पता कि अगले कुछ दिनों में पाकिस्तान में क्या होने वाला है। दरअसल, सुप्रीम कोर्टने संसद को बहाल कर दिया है।  9 अप्रैल यानी शनिवार को सुबह 10 बजे अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होगी। सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के मुताबिक, किसी भी सूरत में रात 10 बजे तक वोटिंग का फैसला आ जाना चाहिए। क्या इमरान खान सत्ता में बनेंगे रहेंगे या शाहबाज शरीफ या कोई और नया पीएम बनेगा? नए सिरे से चुनाव होंगे या सेना कमान संभालेगी? इनमें से कुछ भी हो सकता है लेकिन क्या होगा यह सभी साफ नहीं है।

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इन सबके बीच भारत ने पाकिस्तान के सियासी संकट को आंतरिक मामला बताते हुए इस पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, यह पाकिस्तान का आंतरिक मामला है। हम इस पर कोई जवाब नहीं देना चाहते, लेकिन हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। दरअसल, 22 करोड़ की आबादी वाला परमाणु संपन्न देश पाकिस्तान भारत का एक ऐसा पड़ोसी देश है जिसे भारत चाहकर भी इग्नोर नहीं कर सकता है। रिपोर्ट्स की मानें तो, लाइन ऑफ कंट्रोल के हाल पिछले कई महीनों से शांत हैं। हालांकि इसके बावजूद दोनों देशों के टॉप नेता कई सालों से नहीं मिले हैं।

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आसान भाषा में कहें तो सालों से आधिकारिक तौर पर कोई द्विपक्षीय वार्ता या राजनयिक वार्ता नहीं हुई है। पाकिस्तान सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने इस्लामाबाद सुरक्षा सम्मेलन में कहा है कि भारत के साथ सभी विवादों को बातचीत के जरिए शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जाना चाहिए। इस्लामाबाद कश्मीर सहित सभी लंबित मसलों को कूटनीति के जरिए हल करने में विश्वास करता है ताकि 'आग की लपटों को हमारे क्षेत्र से दूर रखा जा सके'। उन्होंने कहा था कि अगर भारत ऐसा करने के लिए सहमत होता है तो वह इस मोर्चे पर आगे बढ़ने के लिए तैयार है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन हालात को देखते हुए कहा जा सकता है कि पाकिस्तान में नई सरकार के आने पर एक बार फिर रावलपिंडी कश्मीर को लेकर इस्लामाबाद पर दबाव डाल सकती है।