पाकिस्तान चीन के नापाक मंसूबों को देखते हुए भारत सरकार ने इजराइल के एयर बोर्न लेजर सिस्टम की तकनीकि मंगाने का फैसला किया है। रक्षा मंत्रालय के तहत हाईब्रीड वेपन सिस्टम पर काम करने वाली एक टीम इस तकनीकि लाने के लिए तेल अबीब पहुंच चुकी है। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इसराइल की सेना ने इस एयरबोर्न लेजर सिस्टम की टेस्टिंग अभी हाल ही में हम्मास की ओर से दागे गए रॉकेट पर किया गया। ऐसा बाताया जाता है कि ये लेजर सिस्टम दुश्मन के ड्रोन और रॉकेट या किसी भी अन्य फ्लाइंग ऑब्जेक्ट पर 100 फीसदी सटीकता के साथ हमला कर काम तमाम कर देता है।
इजराइल ने जो एयरबोर्न लेजर सिस्टम विकसित किया है उसे पहाड़ों पर, मैदानों में, समुद्र में या जल पोत अथवा आसमान में यानी किसी भी छोटे से हवाई जहाज में इंस्टॉल किया जासकता है। इस सिस्टम में आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस दुश्मन को पहचान कर हमला करता है। इस सिस्टम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि अगर दुश्मन एक से ज्यादा है रऔर अलग-अलग दिशाओं से आ रहा है तो यह सबको एक साथ टारगेट कर सकता है।
Interception tests successfully completed employing airborne High-Power Laser Weapon System. The system successfully intercepted UAVs mid-air, at various ranges & altitudes, making Israel among the first countries to demonstrate this capability. @IAFsite Video: @Israel_MOD (1/2) pic.twitter.com/pfYDXfuIKL
— Elbit Systems (@ElbitSystemsLtd) June 21, 2021
एलएसी से लेकर एलओसी तक जो स्थिति बनी हुई है उसको देखकर लग रहा है कि इसराइल के यह तकनीक भारत के बहुत काम आ सकती है। एयरबोर्न लेजर सिस्टम के सेंसर के किसी भी लो फ्लाइंग ऑब्जेक्ट को डिडेक्ट कर खुद ही एक्टिव होकर दुश्मन को ध्वस्त कर सकता है। इसके अलावा इसका उपयोग दुश्मन की ड्रोन आर्मी को नेस्तनाबूद करने में किया जा सकता है। आसमान के अलावा जमीन पर किसी भी स्थिर या गतिमान ऑब्जेक्ट को टारगेट ध्वस्त करने में यह सिस्टम अचूक है। दुश्मन के टैंक, तोपखाने और बख्तरबंद गाडियों को इस सिस्टम से बर्बाद किया जा सकता है।
हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि यह सिस्टम अभी डेवलपिंग स्टेज में है। इसलिए इसकी सफलता पर बहुत कुछ नहीं कहा जा सकता। फिर भी, इसराइल और इंडिया की गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील हो रही है। इस सिस्टम पर आगे काम करने के लिए डीआरडीओ इसराइल के साथ मिलकर काम सर सकता है।