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डोकलाम के नजदीक परमाणु बॉम्बर तैनात करना चीन को कैसे पड़ेगा भारी, जानने के लिए देखें रिपोर्ट

डोकलाम के नजदीक परमाणु बॉम्बर तैनात करना चीन को कैसे पड़ेगा भारी, जानने के लिए देखें रिपोर्ट

भारत की बातचीत के माध्यम से शांति की सभी कोशिशों के बावजूद चीन बाज नहीं आ रहा है। चीन सामरिक महत्व के ठिकानों पर लगातार मिसाइल और बॉम्बर जेट तैनात कर रहा है। इसी को देखते हुए भारत ने पृथ्वी-2 का परीक्षण चीन को चेताया है कि अपनी करतूतों को काबू में रखें अन्यथा ऐसा जवाब मिलेगा कि जिसे सदियों तक कम्युनिस्ट शासन भूल नहीं पाएगा। भारत का चीन के लिए संदेश है कि डोकलाम के पास परमाणु बॉम्बर तैनात करना उसकी सबसे बड़ी भूल होगी।

ओडिशा के बालासोर तट से छोड़े गए इस पृथ्वी 2 मिसाइल ने उन सभी लक्ष्यों को भेदे जो परीक्षण के लिए चुने गए थे। सतह से सतह पर मार करने वाली यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। करीब आधा टन वजनी परमाणु बम ढोने में सक्षम यह मिसाइल 150 से 600 किमी तक वार कर सकती है।

पृथ्वी 2 मिसालाइ 350 किमी तक के रेंज में लक्ष्यों को ध्वस्त कर सकती है। पृथ्वी मिसाइलें भारत की तीनों सेना में शामिल हैं। दिन हो या रात यह दुश्मन पर कहर बनकर गिरती है।

लद्दाख में हजारों सैनिकों की तैनाती करने वाला चीन अब भारत के पूर्वी हिस्‍से में तनाव का नया मोर्चा खोल रहा है। चीन ने भूटान से लगे डोकलाम के पास में अपने एच-6 परमाणु बॉम्‍बर और क्रूज मिसाइल को तैनात किया है। चीन इन विनाशकारी हथियारों की तैनाती अपने गोलमुड एयरबेस पर कर रहा है। यह एयरबेस भारतीय सीमा से मात्र 1,150 किलोमीटर दूर है।

इससे पहले चीन ने इस घातक बॉम्‍बर की तैनाती अक्‍साई चिन के काशगर एयरबेस पर की थी। ओपन सोर्स इंटेलिजेंस एनॉलिस्ट की ओर से जारी सैटलाइट तस्‍वीर में इस बॉम्‍बर के साथ केडी-63 लैंड अटैक क्रूज मिसाइल भी नजर आ रही है। पृथ्वी 2 मिसाइल की क्षमता 350 किमी तक के रेंज में लक्ष्य को साधने की है।.