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बज गई खतरे की घंटी, पाकिस्तान ने माना- पीओके भारत का अगला निशाना!

Abdul Basit Hints Imran Khan India will Reoccupy POK soon

पाकिस्तान के हुक्मरानों, राजनयिकों और नेताओं ने मान लिया है कि किसी भी दिन भारत सरकार पीओके (गुलाम कश्मीर) को फिर से अपना हिस्सा बना सकती है। पीओके (गुलाम कश्मीर) में फौज बूटों के खौफ को खत्म कर दिया जाए तो अधिकांश लोग भारत सरकार के समर्थन में खड़े हैं। इंटरनेशनल बिरादरी के विश्वास में थोड़ी सी और बढ़ोतरी होते ही भारत स्थानीय लोगों के समर्थन को दुनिया से सामने रख देगा और पीओके (गुलाम कश्मीर) के भारत में विलय का ऐलान कर देगा। पाकिस्तान के कुछ पूर्व राजनयिकों ने माना है कि पाकिस्तानी सरकारों और नेताओं से पीओके (गुलाम कश्मीर) के स्थानीय लोगों का विश्वास लगातार कम होता जा रहा है।

पीओके (गुलाम कश्मीर) के इस कड़वे सच को भारत में पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कुछ अलग शब्दों में कबूल भी किया है। बासित ने भारतीय जनता पार्टी नेता राम माधव के साथ उनकी बैठक से संबंधित एक वीडियो पोस्ट किया। इसमें उन्होंने यह बताने कि कोशिश की है कि कैसे उस बैठक में उन्होंने कश्मीर और अनुच्छेद 370 लेकर बीजेपी की मंशा को भांप लिया था।

सात मिनट के इस वीडियो में बासित ने कहा कि यह "अप्रिय" बैठक 2014 में जम्मू एवं कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले हुई थी। बासित के मुताबिक इस बैठक में राम माधव के स्वर "अप्रिय और आक्रामक" थे। यह बैठक नई दिल्ली में इंडिया फाउंडेशन के कार्यालय में हुई थी।

 

बासित ने कहा, ''माधव उस समय जम्मू-कश्मीर में बीजेपी के प्रभारी थे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने कश्मीर को पाकिस्तान के बारे में भूल जाना चाहिए और गिलगित-बाल्टिस्तान के साथ-साथ पीओके (गुलाम कश्मीर) की चिंता करनी चाहिए।" बासित ने कहा कि पाकिस्तान सिर्फ समय बर्बाद कर रहा था कि अनुच्छेद 370 को कश्मीर से निरस्त कर दिया जाएगा, क्योंकि यह भाजपा के घोषणा पत्र का हिस्सा था है।

बासित ने दावा किया राम माधव ने इस्लामाबाद को इसकी भनक दे दी थी कि आने वाले समय में क्या होने वाला था। उन्होंने कहा कि राम माधव ने पाकिस्तान को एक आतंकवादी राष्ट्र के रूप में परिभाषित किया था। बासित के मुताबिक उन्होंने राम माधव को यह समझाने की कोशिश की कि आपको जैसा लगता है, वैसी बात नहीं है। लेकिन उन्होंने मेरी एक नहीं सुनी। इस बैठक के बाद मुझे पाकिस्तान को लेकर भाजपा की सोच और नीतियों के स्पष्ट संकेत मिल गए थे।

बासित के इस बयान के बाद राम माधव ने कहा कि बैठक के बारे में विवरण उनकी सहमति के बिना सार्वजनिक किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हमारी यह बैठक लंबी जरूर थी, लेकिन मैं आक्रामक नहीं था। मैं केवल दृढ़ता के साथ भारत के दृष्टिकोण से उन्हें अवगत करा रहा था।