नेपाल में मुंह की खाने के बाद चीन अब बांग्लादेश में लगातार भारत के खिलाफ माहौल बनाने में लगा हुआ है। कभी पैसों का लालच देकर तो कभी सैन्य सहायता के सुझावों से बांग्लादेश को फंसाने का कुचक्र चला रहा है। हालांकि भारत और बांग्लादेश के बेहतर रिश्तों के कारण चीन की चाल पूरी तरह कामयाब नहीं हो पा रही हैं। चीन की इन्हीं चालों को नाकाम करने के लिए भारत के डिप्लोमैट्स के ढाका दौरा करते रहते हैं। इसी श्रंखला में एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया आज-कल बांग्लादेश के दौरे पर हैं।
एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया अपनी चार दिवसीय इस यात्रा के दौरान वह बांग्लादेश की वायु सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करेंगे और वहां के प्रमुख अड्डों का दौरा करेंगे। भारतीय वायु सेना ने कहा कि यात्रा के दौरान वे साझा हितों वाले क्षेत्रों में हुई प्रगति पर चर्चा करेंगे तथा परस्पर सैन्य सहयोग और बढ़ाने के तरीकों का पता लगाएंगे। भदौरिया अपने इस दौरे पर स्वदेशी डिफेंस इक्विपमेंट्स के एक्सपोर्ट पर भी बात कर सकते हैं। उनकी बांग्लादेश यात्रा ऐसे समय हो रही है जब बांग्लादेश और भारतीय सशस्त्र बल 1971की जीत के 50साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं।
नेपाल के बाद चीन की नजर अब बांग्लादेश पर है। भारत और बांग्लादेश तीस्ता नदी का मसला सुलझाने की ओर बढ़ रहे हैंऔरचीन बीच में टांग अड़ा रहा है। चीन ने तीस्ता पर सिंचाई प्रॉजेक्ट के लिए 100 करोड़डॉलर का लालच दिया है। चीन के इशारे पर पाकिस्तान भी बांग्लादेश पर डोरे डाल रहा है। चीन और पाकिस्तान की इन्हीं चालों को नाकाम करने के लिए एयर चीफ मार्शल भदौरिया बांग्लादेश के प्रमुख हवाई अड्डों को देखेंगे और बांग्लादेश के सामने भारत के एयर डिफेंस सिस्टम सहित अन्य साज-ओ-सामान की पेशकश भी करेंगे।
भारत का लक्ष्य 2025तक 5बिलियन डॉलर का रक्षा निर्यात करने का है। पिछले दिनों रक्षा मंत्रालय ने 152स्वदेशी डिफेंस प्लेटफॉर्म्स की लिस्ट जारी की थी जिन्हें एक्सपोर्ट किया जाएगा। इसके साथ-साथ मित्र देशों की एक सूची भी तैयार की गई है। इन देशों की जरूरत के आधार पर भारत डिफेंस एक्सपोर्ट करेगा। इनमें अफ्रीका, हिंद महासागर क्षेत्र के अलावा ASEAN क्षेत्र के कई देश शामिल हैं।