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इसराइल के Swarm Drone तैनात कर रही है IAF, पाकिस्तान ने बैठे-बिठाए मोल लेली आफत, 50 KM अंदर तक तबाही का मंजर

SWARM Drones Israel to India

पाकिस्तान ने जम्मू के एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन हमला करके आफत मोल ले ली है। अब उसको ऐसी मार पड़ने वाली है, जिससे चोट गहरी लगेगी और शोर बिल्कुल भी नहीं होगा। इंडियन आर्मी अपने पुराने दोस्त इसराइल से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) वाले वो ड्रोन खरीदने जा रही है जिनका इस्तेमाल इसराइल ने हमास को ठिकानों को बर्बाद करने के लिए किया है।

खास बात यह है ड्रोन बनाने वाली इसराइल की यह कंपनी भारत में कल्याणी के साथ युद्धास्त्र बना रही है। इन्हें स्वार्म ड्रोन कहते हैं। ये दुश्मन के इलाके में 50 किलोमीटर तक घुस कर तबाही मचा सकते हैं। ये ड्रोन दुश्मन के ठिकानों को खत्म करने के साथ ही अपनी सीमा की ओर बढ़ रहे किसी भी घुसपैठिए यूएफओ को भी आसमान में ही ढेर कर देते हैं। चलिए देखते हैं इसराइल की आर्मी ने किस तरह इन ड्रोन्स का इस्तेमाल हमास के खिलाफ किया और भावी वॉर फील्ड का नक्शा सिनेरियो चेंज करने की क्षमता ये ड्रोन्स रखते हैं।

इसराइल ने दुनिया में पहली बार किसी सैन्य कार्रवाई में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल किया है। माना जा रहा है कि इसराइल का यह कदम भविष्य में होने वाले युद्धों का नक्शा ही बदल सकता है। इसराइल ने गाजा पट्टी में हमास चरमपंथियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस युक्त ड्रोन स्वार्म का प्रयोग किया है। इस ऑपरेशन के दौरान इजरायली सेना ने गाजा पट्टी में बिना घुसे ही अपने लक्ष्यों को खोजकर उन्हें सफलतापूर्वक खत्म कर दिया।

इस हाइब्रिड वॉर में शामिल इजरायली सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार यह पहली बार है जब एआई तकनीकी का व्यापक रूप से एक ऑपरेशन में इस्तेमाल किया गया है। इससे पहले एआई तकनीक का इस्तेमाल हमास के मिसाइल हमलों से बचाव और लक्ष्यों की पहचान करने के लिए किया गया था। इस ऑपरेशन से हमे जो अनुभव सीखने को मिले हैं, उनका उपयोग हमले की सटीकता को और सुधारने के लिए किया जाएगा। इसराइल ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग रडार की सूचना के आधार पर रॉकेट का पथ निर्धारित करने के लिए किया गया। ये हमास के रॉकेट को गाजा पट्टी के घनी आबादी वाले इलाकों में जाने से रोकते हैं। इतना ही नहीं, इस प्रणाली को जरूरत के हिसाब से खुद ही रॉकेट लॉन्च करने के लिए भी डिजाइन किया गया है। अगर गाजा पट्टी में उड़ रहे इसरायली एआई ड्रोन को हमले की जरूरत होगी तो उसके कमांड पर मिसाइल खुद ब खुद टॉरगेट को लॉक कर लॉन्च हो जाएगी। ऐसे में ये ड्रोन गाजा पट्टी में हमास के लिए काल बन सकते हैं। इनकी मदद से इसराइल हमास के रॉकेट हमले के पहले ही जवाबी कार्रवाई कर सकता है। इजरायली सेना के ऐसे हमलों से हमास के मिसाइल लॉन्चिंग साइट पहले ही तबाह हो जाएंगे।

इसराइल की इसी टैक्नीक को इंडियन आर्मी के तीनों विंग अडॉप्ट करने जा रहे हैं। इसराइल की तरह ही इंडियन आर्मी सैटेलाइट इमेजरी और ह्युमन इंटेलिजेंस के आधार पर दुश्मन के इलाके, ठिकानों और ड्रोन लांचिंग साइट का थ्री डी नक्शा तैयार कर रही है। ये सारी जानकारी स्वार्म ड्रोन के कंट्रोलिंग सिस्टम में डम्प कर दी जाएगी, जैसे ही ये ड्रोन दुश्मन के ठिकानों की ओर उड़ेंगे वैसे ही उन्हें पहले से लक्षित ठिकानों की गतिविधि मिल जाएगी और पलक झपकते ही उसका काम तमाम कर दिया जाएगा।

इंडियन एयरफोर्स ने आपातकालीन खरीद प्रक्रिया के अधिकारी का उपयोग करते हुए 10 ऐसे सिस्टम की खरीद के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं। उम्मीद है कि न केवल एयरफोर्स बल्कि सेना के बाकी दोनों अँग भी ऐसे ड्रोन्स को जल्दी तैनात करेंगे।