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China-Pakistan को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए Ladakh में Indian Army तैयार की टू फ्रंट रणनीति

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भारत व चीन के बीच सैन्य गतिरोध को एक साल से ज्यादा हो चुका है। इस बीच भारतीय सेना ने इस इलाके में बुनियादी ढांचे के विकास का काम तेजी से जारी रखा। सेना अब लद्दाख सेक्टर व उत्तर पूर्व में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी के आपपास बड़े पैमाने पर सैनिकों को ठहराने के प्रबंध कर चुकी है। इन सैन्य आवासों के दम पर अब सेना लद्दाख में भयानक ठंड के दिनों में भी पूरी क्षमता से कामकाज कर सकेगी। चीन के साथ सैन्य गतिरोध लंबा चलने की आशंका के चलते सेना ने पूरे पांस साल के कामकाज की योजना बनाई है। इसके साथ ही दुश्मने देशों को जवाब देने के लिए सेना ने कई बदलाव किए हैं, जिनमें ऑर्डर ऑफ बैटल (आरबैट) भी शामिल है।

पाक-चीन के खिलाफ भारत की नई रणनीति

भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ दंडात्मक निवारण और चीन के खिलाफ विश्वसनीय निवारण नीति लागू करने का फैसला किया है। इस रणनीति के तहत अब सेना कोर स्तर पर प्रितिक्रिया देने की जगह एकीकृत प्रणाली का इस्तेमाल करेगी। इसमें पाकिस्तान से सटी पश्चिमी सीमा और चीन से लगी पूर्वी सीमा के बीच संतुलन का भी ध्यान रखा गया है।

पाकिस्तान से लगी सीमा भारत के पश्चिमी थियेटर कमांड का हिस्सा है जो कि सेना के लिए हमेशा से महत्वपूर्ण रही है। पश्चिमी थियेटर कमांड में भारत की रणनीति दंडात्मक निवारण की होगी। "सैन्य दृष्टिकोण से दंडात्मक रणनीति उसे कहा जाता है जहां पर जवाबी कार्रवाई की जाती है"। भारत की सैन्य शक्ति पाकिस्तान के मुकाबले काफी अधिक है ऐसे में यहां पर दंडात्मक निवारण नीति को लागू किया गया है।

भारत लद्दाख क्षेत्र में सैनिकों की संख्या बढ़ाने के साथ ही उनके रहने के लिए बुनियादी ढांचा निर्माण के काम को युद्धस्तर पर अंजाम दिया है। सेना ने 5 साल में होने वाले काम को एक साल में ही पूरा कर लिया है। लद्दाख में बेहद प्रतिकूल पर्यावरणीय परिस्थिति के चलते सैनिकों को रखने में काफी समस्या आती है। क्षेत्र में तापमान 45 प्रतिशत से नीचे तक चला जाता है ऐसे में इन विशेष ठिकानों के निर्माण के बाद सैनिकों को यहां रहने और काम करने में आसानी होगी।

सेना ने 1 साल ही में पूरा कर दिया 5 साल का काम

खबरों की माने तो चीन से सैन्य तनाव के बीच भारतीय सेना ने अगले 5 साल के लिए नियोजित काम को 12 महीने के अंदर ही पूरा कर लिया है। इस नए बने आवासों में केवल लद्दाख सेक्टर में तैनात सैनिकों की संख्या वर्तमान में इस क्षेत्र में तैनात सैनिकों की संख्या के दोगुनी से भी अधिक होगी।

LAC पर तैयार होगी सुरंग

खबर है कि कोर ऑफ इंजीनियर्स अभी भी एलएसी पर काम में लगे हुए हैं ताकि जरूरत पड़ने पर सैनिकों के संचालन और अतिरिक्त बलों को यहां पर रखने के लिए संरचना खड़ी की जा सकें। सैनिकों के आवास के साथ ही भारत एलएसी के साथ सभी क्षेत्रों में सड़क के बुनियादी ढांचे को विकसित करने में भी लगा है। भारत निमू-पदम-दारचा अक्ष सड़क को लेकर काम तेज कर दिया है। इस सड़क का निर्माण होने के बाद देश के अन्य हिस्सों से सैनिकों को लद्दाख पहुंचाने में आसानी होगी। इसके साथ ही सड़क पर कनेक्टिविटी के लिए बीआरओ जल्द ही 4.5 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाएगी जिसकी मंजूरी जल्द ही रक्षा मंत्रालय से मिलने वाली है।