Indian Navy Day 2020 : <strong>भारतीय नौसेना दिवस</strong> नौसैनिकों की वीरगाथा का दिन है। 1971 में 4 दिसंबर को ही भारतीय नेवी ने पाकिस्तानी नेवी के हेडक्वार्टर कराची बंदरगाह को तबाह कर दिया था। <strong>ऑपरेशन ट्राइडेंट</strong> के तहत भारतीय नौसेना ने पहली बार एंटी शिप मिसाइल का प्रयोग कर दुनिया को अपनी ताकत का परिचय दिया था। 4-5 दिसंबर 1971 की रात भारतीय नौसेना पाकिस्तान पर कहर बनकर टूटी थी। इंडियन नेवी (Indian Navy Day 2020) की कुशल रणनीति, अचूक निशाना और अदम्य साहस के आगे पाकिस्तान को घुटने टेकने पड़े थे। आलम ये था कि पाकिस्तान का कराची शहर 7 दिनों तक जला था!
यह भी पढ़ सकते हैं- <a href="https://hindi.indianarrative.com/india/indian-navy-day-2020-know-the-importance-and-why-it-is-celebrated-on-4-december-20234.html">Indian Navy Day 2020: ‘समंदर के सिकंदर’ भारतीय नौसेना का शौर्य दिवस</a>
<strong>निपट, निर्घट, वीर ने पाकिस्तानी जहाजों को दी थी जलसमाधि </strong>
1971 के समय भारतीय नौसेना में निपट, निर्घट और वीर जहाज अपनी तेज गति और मिसाइल प्रहार के लिए जाने जाते थे। रणनीति के तहत 4 दिसंबर 1971 की शाम इन तीनों युद्धपोत ने कराची बंदरगाह से 150 किलोमीटर दूर पोजिशन ले ली थी। आदेश मिलते ही इन तीनों युद्धपोतों से मिसाइल हमला शुरू हो गया। इस घातक प्रहार से पाकिस्तान संभल नहीं सका। उसके सामने अपने जहाजों को जलसमाधि लेते देखने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। पाकिस्तानी जहाज खैबर चैलेंजर और मुहाफिज पल भर में जलमग्न हो गए।
<strong>सात दिनों तक जला था कराची तेल डीपो</strong>
भारतीय युद्धपोत निपट, निर्घट और वीर के शौर्य के बाद बारी थी राजपूत और विक्रांत की। इन दोनों युद्धपोतों ने अपने फ्लाइंग डेग से कराची कोस्ट बाजार और कराची तेल डीपो पर बम वर्षा की। कराची का तेल डीपो 7 दिनों तक जलता रहा। भारतीय नौसेना के पराक्रम से 1971 युद्ध में पाकिस्तान की कमर टूट गई और उसने भारत के सामने घुटने टेक दिए। पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
.