चक्रवर्ती तौकते तूफान जब मुंबई से गुजरा तो कई जहाजों को अपने चक्रव्यू में फंसा लिया। और इसमें बर्ज P-305 भी फंस गया। भारतीय नौसेना ने समुद्र में फंसे लोगों को बचाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी और समुद्र के बीच उफनती लहरों में घंटों फंसे रहने के बाद भारतीय नौसेना का जहाज आईएनएस कोच्चि जब 184 लोगों को लेकर जब किनारे पहुंचा तो लोगों की आखों में आंसू छलक आए।
ओनजीसी के कर्मचारियों ने अपनी खौफनाक आपबीती बताते हुए नौसेना को धन्यवाद दिया और एक क्रू मेम्बर ने रोते हुए कहा कि 'बहुत-बहुत धन्यवाद उन लोगों का। उनकी वजह से ही हम लोग आज जिंदा हैं नहीं तो कोई नहीं बचता।' ये सारे क्रू मेम्बर लाइफ जैकेट के सहारे समुद्र में किसी तरह खुद को बचाने की कोशिश में लगे हुए थे। बस में बैठते हुए एक क्रू ने कहा कि, हमारी हालत तो बहुत खराब थी। इंडियन नेवी ही हम लोगों को वहां से बचाकर लाई है। हम लोगों को आर्मी ने दो बजे रात में पानी में डूब चुके बार्ज से उठाया। हम लोग करीब 12 घंटे तक घूमते रहे, लेकिन कोई बचाने वाला नहीं था। हम लोगों ने जीने की उम्मीद ही छोड़ दी थी। बचना बहुत मुश्किल था। उन्होंने हम लोगों को कैसे बचाया, यह वे ही जानते होंगे।
11 घंटे तक समुद्र में रहने के बाद नेवी ने बचाया
इसके साथ ही एक और शख्स ने कहा कि, हम लोग पांच-छह घंटे पानी में तैरे। तैरने के बाद हम लोग बेहोश हो गए थे। बेहोश हालत में नौसेना ने रस्सी फेंककर हम लोगों को रेस्क्यू किया। अपना हाथ दिखाते हुए उसने बताया कि उनका हाथ रेस्क्यू के दौरान थोड़ा कट गया। एक और सदस्य ने कहा कि, बर्ज डूब रहा था तो समुद्र में कूदना पड़ा। मैं 11 घंटे तक रहा इसके बाद नेवी ने हमे बचाया।
जहाज बेहद मुश्किल हालातों से गुजरते हुए आगे बढ़ा- INS कोच्ची कैप्टन
INS कोच्चि के कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन सचिन सकेरिया ने कहा है कि, इनपुट्स मिले थे की मुंबई से करीब 35-40 मील की दूसरी पर बर्ज P-305 मुसीबत में है। हमारा जहाज बेहद मुश्किल हालातों से गुजरते हुए आगे बढ़ा। तूफान मुंबई के पश्चिम से बस गुजर ही रहा था, जब हम मौके पर पहुंचे तो हालात संभाल लिया। साइट पर बाकी जहाजों के साथ हमने बर्ज और क्रू को हरसंभव मदद दी। ऑपरेशन अब भी चल रहा है। साइट पर भारी संख्या में नेवल यूनिट्स मौजूद हैं। मेरा जहाज बस अभी लौटा है। करीब 184 लोगों को बचाया गया है जिनमें से 125 मेरे जहाज पर हैं।