भारतीय रेलवे हर दिन अधुनिक होता जा रहा है। अब रेलवे एक और उपलब्धि हासिल करने जा रही है। रेलवे अब ट्रेनों को हाइड्रोजन फ्यूल से चलाने की तैयारी की जा रही है। भारतीय रेलवे की ओर से देश की पहली हाइड्रोजन फ्यूल ट्रेन हरियाणा के सोनीपत-जींद सेक्शन पर चलाने की तैयारी है। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जर्मनी और पोलैंड के बाद भारत विश्व का तीसरा देश होगा जहां ग्रीन एनर्जी का प्रयोग शुरू किया जा रहा है।
नॉर्दन रेलवे की ओर से कुल 89 किलोमीटर लंबे सोनीपत-जींद सेक्शन पर इस ट्रेन को चलाने के लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। रेलवे की ओर से जीरो कार्बन उत्सर्जन मिशन के मिशन के तहत इस योजना को जल्द से जल्द अमल में लाने पर काम किया जा रहा है। निविदा 21 सितंबर से पांच अक्तूबर के बीच दाखिल की जा सकेगी। निविदा पूर्व बैठक 17 अगस्त को होगी। अधिकारी ने बताया कि हाइड्रोजन फ्यूल सेल से परिचालन होने वाली डेमू ट्रेन से हर साल लगभग 2.3 करोड़ रुपये की बचत होगी।
पेरिस वातावरण समझौता 2015 के अंतर्गत ग्रीन हाउस गैसेज को कम करने के लक्ष्य की प्राप्ति की चुनौती को स्वीकार करते हुए तथा रेलवे द्वारा जीरो कार्बन उत्सर्जन मिशन के अंतर्गत 2030 तक लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास है। रेलवे के इस योजने से 11.12 किलो टन नाइट्रोजन डाई आक्साइड व 0.72 किलो टन कार्बन कणों का उत्सर्जन कम होगा। इस प्रणाली में सौर उर्जा के प्रयोग से पानी को विघटित कर हाइड्रोजन प्राप्त की जाती है।