समुद्र में इंडियन और अमेरिकी नेवी के बीच अद्भुत जुगलबंदी देखकर चीन और पाकिस्तान एक बार खलबली मच गयी है। यह जुगलबंदी ऐसी है कि युद्ध के माहौल में दोनों देशों की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। दरअसल, सोमवार 14 सितंबर को बीच समुद्र में भारत के जंगी जहाज तलवार को अमेरिकी टैंकर यूएसएनए यूकोन ने ईंधन की सप्लाई की। यह इसस बात का संकेत है कि अब चीन या पाकिस्तान से युद्ध के दौरान भारत और अमेरिका की समुद्री सेनाएं ईंधन और अन्य आवश्यकताओं का परस्पर आदान-प्रदान करेंगी और लगातार दुश्मन पर प्रहार करती रहेंगी।
भारत और अमेरिका के बीच हुए रक्षा समझौते के मुताबिक दोनों ही देश एक दूसरे के साथ करीबी तालमेल से काम करेंगे और एक दूसरे के बेस का भी इस्तेमाल करेंगे। उतर सकेंगे और वहां से दुश्मन को ध्वसत करने के लिए उड़ान भर सकेंगे। इस रक्षा समझौते से भारत और अमेरिका की ताकत कई गुना बढ़ जायेगी।
इंडियन नेवी के प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी दी कि 'उत्तरी अरब सागर में मिशन पर तैनात आईएनएस तलवार ने लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ अग्रीमेंट के तहत अमेरिकी नेवी बेड़े के टैंकर यूएसएनए यूकोन से ईंधन लिया।' 2016 में भारत और अमेरिका ने लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ अग्रीमेंट पर दस्तखत किए थे, जिसके तहत दोनों सेनाएं एक दूसरे को मरम्मत और सेवा से जुड़ी अन्य जरूरतों के लिए एक दूसरे के अड्डे का इस्तेमाल करेंगे। भारत फ्रांस, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ भी ऐसा करार कर चुका है।
पिछले कुछ सालों से भारत और अमेरिका के बीच रक्षा संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। दोनों देशों ने 2018 में एक अन्य रक्षा समझौते कम्यूनिकेशन कॉम्पैटिबिलिटी ऐंड सिक्यॉरिटी अग्रीमेंट पर भी दस्तखत किया है जिसके तहत दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहयोग और यूएस से भारत को उत्कृष्ट तकनीक बेचे जाने की व्यवस्था है।
इसी साल जुलाई में इंडियन नेवी ने यूएस नेवी कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के साथ अंडमान-निकोबार में सैन्य अभ्यास किया था। इसमें अमेरिका की तरफ से परमाणु ताकत से लैस एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस निमिट्ज ने भी हिस्सा लिया था। यूएसएस निमिट्ज दुनिया का सबसे बड़ा जंगी जहाज है। उस सैन्य अभ्यास में इंडियन नेवी के 4 जंगी जहाजों ने भी हिस्सा लिया था।.