पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तानी सेना को पता चल गया था कि अगर सीमा पर शांति की पहल नहीं की गई तो भारत एक बार फिर सर्जिकल स्ट्राइक कर सकता है। पाकिस्तान को डर था कि यह स्ट्राइक केवल एक ही बॉर्डर पर नहीं बल्कि क्रॉस मल्टी बॉर्डर हो सकती है…और पाकिस्तान उसका जबाब देने में सक्षम नहीं है। पाकिस्तान ने इस बीच चीन और तुर्की सभी से मदद की गुहार लगाई थी और पूरी जंग की स्थिति में साथ देने के बारे में आश्वासन मांगा था। ऐसी भी खबरें हैं कि चीन और तुर्की दोनों ने पाकिस्तान को मश्विरा दिया कि भारत से भिड़ने के बजाए नीचे होकर शांति की पहल करनी चाहिए।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के ताजा बयान और बॉडी लैंग्वैज को परखने वालों का कहना है कि यह डोभाल का ही दबाब था कि पाकिस्तान के डीजीएमओ ने हॉटलाइन पर आकर सीमा पर शांति के लिए भारत के सामने आग्रह करना पड़ा। कुछ दिन पहले तक एलएसी पर जहां चीन अग्रेसिव हो रहा था वहीं पाकिस्तान भी लगातार सीज फायर कर रहा था और आतंकियों की घुसपैठ करवाने की कोशिश कर रहा था। सीमा पार से अचानक रहम की आवाज आने के पीछे केवल एक कारण रहा कि डोभाल ने चीन और पाकिस्तान को प्यार से समझा दिया कि अगर आप लोग हद में न रहे तो भारत दोनों को नेस्तनाबूद करने की इंतजाम कर चुका है। ऐसा कहा जा रहा है कि यह एक्सरसाइज पर्दे के पीछे की महीनों से चल रही थी लेकिन इसका खुलासा एक अखबार ने कर डाला।
अखबार ने लिखा है कि पाकिस्तान के एनएसए मोइद यूसुफ ने तीसरे देश में भारत के एनएसए से कई मुलाकातों के बाद पाक आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा को सलाह दी कि कश्मीर के स्टेटस को स्वीकार करते हुए सीमा पर बम फोड़ने और गोलियां दागने की हरकतें बंद की जाएं वरना पाकिस्तान का खात्मा तय है। इसी का नतीजा हुआ कि कमर जावेद बाजवा ने अपनी फौज को कदम एलएसी से पीछे खींचने के आदेश दिए। इतना ही नहीं कमर जावेद बाजवा ने अपने डीजीएमओ से कहा कि 26 फरवरी से पहले इंडियन आर्मी के डीजीएमओ से बात करहालात सामान्य बनान के निर्देश दिए। बाजवा कोवरना भारत एक ओर सर्जिकल स्ट्राइक कर सकता है।
बहरहाल, पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ सेसीमा पर शांति बहाल करने के लिए 2003में हुए संघर्ष विराम समझौते का पूरी तरह पालन करने का कौल करार किया। दोनों ओर के जॉइंट स्टेटमेंट के बाद जब डोभाल-मोईद यूसुफ के बीच मुलाकात की रिपोर्ट्स आईं तो उन्होंने इससे इनकार किया। एक ट्वीट में मोइद यूसुफ ने कहा कि 'ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई है' और ऐसे दावे 'आधारहीन' है। हालांकि अखबार ने सूत्रों के आधाार पर लिको देखते हुए भारत हो या पाकिस्तान, दोनों में कोई देश इस बारे में डीटेल्स सामने नहीं रखेगा।
यह भी ध्यान देने योग्य बात है क अजीत डोभाल ने ही चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव को कम करने में भी अहम भूमिका निभाई थी। गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद, डोभाल ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ करीब दो घंटे तक वीडियो कॉल पर बात की थी। इसी बातचीत के बाद, दोनों देशों के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर टोटल डिसइंगेजमेंट पर सहमति बनी। डोभाल ने दोनों पड़ोसी देशों के साथ हाल के दिनों में बैक चैनल से बातचीत जारी रखी है।
इन तीन बिंदुओं में छुपे हैं बैक डोर डिप्लोमैसी के सुबूत
- बाजवा ने 2फरवरी को कहा कि 'सभी दिशाओं में शांति का हाथ बढ़ाने का समय आ गया है।' इसके तीन दिन बाद, इस्लामाबाद से जारी बयानों में भी नरमी देखी गई।
- पीएम मोदी ने SAARC देशों की बैठक बुलाई तो उसमें पाकिस्तान की तरफ से कश्मीर मुद्दे का जिक्र नहीं हुआ।
- भारत ने श्रीलंका दौरे के लिए इमरान खान के विमान को भारतीय एयरस्पेस का इस्तेमाल करने की इजाजत दी।
- पाकिस्तान के डीजीएमओ ने 24-25 फरवरी की दरम्यानी रात भारत के डीजीएमओ से सम्पर्क साधा
- अगर यह डिप्लोमेसी फेल होती तो भारत की ओर से एक बार फिर सर्जिकल स्ट्राइक की थी तैयारी, पाकिस्तान ने भारत के हमले से डर कर आधी रात को ही कर दिया सरैंडर