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भारत कृषि क्षेत्र की तरक्की का साथी बना Israeli, नोएडा गर्ल्स स्कूल को दान किया अत्याधुनिक ड्रिप सिंचाई सिस्टम

इजराइल ने नोएडा गर्ल्स स्कूल को दान किया अत्याधुनिक ड्रिप सिंचाई सिस्टम

इजरायल और भारत हमेसा से अच्छा दोस्त रहे हैं, चाहे जंग का मैदान हो या फिर कृषि क्षेत्र हर जगह इजरायल और भारत ने एक दूसरे का साथ दिया है। कृषि के क्षेत्रों को आगे बढ़ाने के लिए इजरायल और भारत के बीच तीन साल के कार्य योजना समझौता पर हस्ताक्षर हो चुका है, जिसके तहत भारत को ईजरायल कृषि के लिए अत्याधुनिक उपकरणों को मुहैया कराएगा और इसे आगे बढ़ाएगा। अब इस कड़ी में भारत स्थित इजरायली दूतावास ने आज उत्तर प्रदेश के नोएड में एक छात्राओं के स्कूल को अत्याधुनिक ड्रिप सिंचाई सिस्टम दान में दिया है।

इजरायली दूतावास ने नोएडा के नेहरू स्मारक इंटर कॉनेज को अत्याधुनिक ड्रिप सिंचाई सिस्टम दान में दिया है, जिससे स्कूल परिसर में पानी के अधिकतम उपयोग और जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही छात्र कम उम्र से ही पानी बचाने के लिए प्रोत्साहित होंगे। इज़राइली दूतावास में उप-राजदूत रोनी येडिडिया क्लेन ने कहा है कि, हमें इजरायल द्वारा आविष्कार की गई ड्रिप सिंचाई तकनीक को नेहरू स्मारक इंटर कॉलेज को उनके जल संरक्षण प्रयासों में सहायता करने के लिए दान करते हुए खुशी हो रही है। शिक्षा और जल के क्षेत्र में इजरायल और भारत के बीच बहु-आयामी साझेदारी का यह एक और उदाहरण है। हम भारत के लोगों के साथ अपनी सबसे उन्नत, नवोन्मेषी और अत्याधुनिक जल प्रौद्योगिकियों को साझा करने के इच्छुक हैं।

इसके साथ ही स्लूक को दूतावास ने शिमला मिर्च के पौधे भी दान में दिए हैं। स्कूल परिसर में इन पौधों को लगाने के लिए छात्र और शिक्षक के साथ आरोहम एनजीओ के स्वंयसेवक एक साए आए। इन पौधों को विशेष रूप से स्कूली बच्चों के लिए दूतावास की तरफ से हरियाणा के करनाल में इंडो-इजरायल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस से लाया गया था।

आरोहन की संस्थापक रानी पटेल ने कहा है कि, इन स्कूलों के छात्र खासतौर से ग्रामीण प्रवासियों के परिवारों से आते हैं। अगर वे खेती की तकनीक सीखते हैं तो यह कुछ ऐसा है जिसे वे अपने जीवन में हमेशा इस्तेमाल कर सकते हैं। इस महत्वपूर्ण समय में इजरायली दूतावास द्वारा साझा की गई ड्रिप सिंचाई प्रणाली स्कूलों के गरीब तबके के छात्रों के व्यावसायिक कौशल के लिए एक वरदान साबित होने जा रही है। इसके आगे उन्होंने कहा कि, समावेशी मूल्य शिक्षा प्रदान करने, पानी, पर्यावरण को बचाने और ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ लड़ने के लिए सतत विकास लक्ष्यों के बारे में जागरूकता प्रदान करने के लिए यह आरोहण का एक ड्रीम प्रोजेक्ट है।