ISRO Launch Hybrid Motor: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने एक हाइब्रिड मोटर (ISRO Launch Hybrid Motor) का सफल परीक्षण किया है। इससे रॉकेटों के प्रक्षेपण की नई तकनीक का रास्ता साफ हो गया है। भावी प्रक्षेपण यानों के लिए नई प्रणोदन प्रणाली का इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसका टेस्ट इसरो (ISRO Launch Hybrid Motor) ने तमिलनाडु के महेंद्रगिरी में स्थिति इसरो प्रोपल्शन कंपल्शन कॉम्प्लेक्स में टेस्ट किया। इसरो के लिए ये किसी बड़ी सफलता से कम नहीं है।
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30kN हाइब्रिड मोटर के इस टेस्ट के लिए इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (LPSC) ने भी इस टेस्टिंग में मदद की है। इस मोटर में ईंधन के रूप में में हाइड्रोक्सिल-टर्मिनेटेड पॉलीब्यूटाडीन (HTPB) और ऑक्सिडाइज़र के रूप में लिक्विड ऑक्सीजन का इस्तेमाल किया जाता है। आमतौर पर मोटरों में सॉलिड-सॉलिड या लिक्विड-लिक्विड ईंधन का इस्तेमाल किया जाता है। इस हाइब्रिड मोटर में सॉलिड और लिक्विड ईंधन के कॉम्बिनेशन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
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बढ़ेगी रॉकेट क्षमता
इसरो की ओर से जारी बयान में कहा गया कि, आज के टेस्ट में हाइब्रिड मोटर में इंग्निशन ठीक हुआ और तय लक्ष्य 15 सेकेंड तक कम्बशन भी हुआ, मोटर की परफॉर्मेंस संतोषजनक रही। लिक्विड ईंधन का इस्तेमाल करने से लिक्विड ऑक्सीजन के फ्लो रेट को नियंत्रित किया जा सकता है और री-स्टार्ट कैपिबिलिटी को शुरू किया जा सकता है। ISRO ने कहा कि, हाइड्रोक्सिल-टर्मिनेटेड पॉलीब्यूटाडीन और लिक्विड ऑक्सीजन ग्रीन हैं लेकिन लिक्विड ऑक्सीजन को हैंडल करना ज्यादा सुरक्षित है। इस मोटर की मदद से आने वाले समय के लॉन्च व्हीकल्स के प्रोपल्शन सिस्टम को और बेहतर किया जा सकेगा।