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Jammu Kashmir: जैश-ए-मोहम्मद के आंतकियों से SPO की हत्या का बदला लेगी कश्मीर पुलिस, IG बोले- ‘अब एक-एक का करेंगे खात्मा’

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27 जून को जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में आतंकियों ने बेहद कायराना हरकत को अंजाम दिया। हरिपरिगाम गांव में आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल पुलिस ऑफिसर (SPO) और उनकी पत्नी को घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी। इस मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। जम्मू कश्मीर पुलिस के आईजी विजय कुमार ने इस हत्या में जैश ए मोहम्मद के आतंकियों के शामिल रहने की पुष्टि की है। आईजी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि जैश के पाकिस्तानी आतंकी के साथ ही एक स्थानीय की भी पहचान की गई है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में आईजी विजय कुमार ने बताया कि 'पुलवामा के त्राल में स्पेशल पुलिस ऑफिसर फयाज अहमद भट, उनकी पत्नी और बेटी की हत्या के सिलसिले में हमने एक स्थानीय नागरिक और जैश के मोहम्मद के पाकिस्तानी आतंकवादी की पहचान कर ली है। उन्हें ट्रैक किया जा रहा है। जल्द ही उन्हें ढेर करने में कामयाब होंगे।' आईजी ने एसपीओ के परिवार वालों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी। उन्होंने कहा- 'आतंकवादियों ने हमारे एसपीओ पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं। उनकी पत्नी और बेटी ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन आतंकवादियों ने उन पर भी गोलियां चलाईं। उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।'

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने स्पेशल पुलिस ऑफिसर (एसपीओ) ऐयाज अहमद भट  के घर में घुसकर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं। हमले में एसपीओ, उनकी पत्नी और उनकी बेटी तीनों की मौत हो गई। जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने मां की बांहों से लिपटे 10 महीने के मासूम पर भी रहम नहीं दिखाया और उसे जमीन पर पटक दिया। दोनों में एक आतंकी पाकिस्तानी है। फैयाज की 21 साल की बेटी की सोमवार सुबह इलाज के दौरान मौत हो गई। आतंकियों ने अवंतिपोरा स्थित हरिपरिगाम गांव स्थित अधिकारी के घर पर हमला किया था।

एके-47 लहराते हुए आतंकियों ने भट का दरवाजा खटखटाया था, उनके चेहरे ढके हुए थे। जैसे ही भट ने दरवाजा खोला, गोलियों की बौछार शुरू हो गई। पहले पुलिस अधिकारी और फिर उनकी पत्नी रजा बानो अगला शिकार बनीं। अपने माता-पिता को बचाने उनकी बेटी दौड़ी रफीका को भी आतंकियों ने गोलियों से छलनी कर दिया। इस दौरान भट की बहू सायमा भी घर पर ही थीं, जो अपने बच्चे को गोद में लेकर खिला रही थीं। आतंकियों ने उन्हें और उनके बच्चे को भी लातें मारीं। जान बचाने के लिए सायमा सुरक्षित ठिकाने की ओर भागी।