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भारत के बयान से हिली शी जिनपिंग सरकार! India ने कहा अब रिस्ता तभी ठीक होगा जब सीमा पर स्थिति सामान्य होगी

चीन के साथ रिस्ता तभी ठीक होगा जब सीमा पर स्थिति सामान्य होगी

पिछले साल गलवान घाटी में चीन द्वारा उठाए गए घटिया कदम के बाद से ही भारत संग रिस्ते में खटास आ गई है। चीन ने गलवान घाटी में घुसपैठ करने की कोशिश की जिसके जवाब में जब भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनकियों को रोकने की कोशिश की तो वो हिंसक झड़प कर बैठे। इसमें भारत के 20सैनिक शहीद हुए थे। लेकिन चाइना को ज्यादा नुकसान हुआ था। चीन के लगभग 40सैनिक मारे गए थे। इसी के बाद से चीन बौखलाया हुआ है। कई दौरे की बातचीत के बाद भी दोनों देशों के बीच संबंध ठीक नहीं हो सके हैं। क्योंकि, एक ओर चीन शांती की बात करता है और दूसरी ओर वो घूसपैठ करने की कोशिश करने लगता है। ऐसे में अब विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा है कि चीन के साथ भारत के संबंध बेहद ही कठिन दौर में हैं और ये तभी ठीक होंगे जब सीमा विवाद सही होगा।

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जयशंकर ने कहा है कि बीजिंग की ओर से सीमा पर सैन्य बलों को न तैनात करने के समझौते का उल्लंघन करने के बाद भारत और चीन के संबंध इस समय बहुत कठिन दौर में हैं। उन्होंने यह बात शनिवार को जर्मनी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन (एमएससी) 2022में विचार विमर्श के दौरान कही। यहां जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि सीमा पर स्थिति ही संबंधों की स्थिति तय करेगी। उन्होंने मध्यस्थ लिन कुओक की ओर से किए गए एक सवाल के जवाब में कहा कि, 45वर्षों तक सीमा पर शांति रही, स्थायी सीमा प्रबंधन रहा, 1975से सीमा पर कोई सैनिक हताहत नहीं हुआ था। इस स्थिति में परिवर्तन इसलिए हुआ क्योंकि हमारा चीन के साथ समझौता था कि सीमा (वास्तविक नियंत्रण रेखा या LAC) पर सैन्य बल नहीं तैनात किए जाएंगे और चीन ने इस समझौते का उल्लंघन किया।

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उन्होंने कहा कि, अब सीमा पर स्थिति संबंधों की स्थिति तय करेगी। यह प्राकृतिक है। इसलिए स्पष्ट है कि चीन के साथ संबंध इस समय कठिन दौर में हैं। बता दें कि, पैंगोंग झील क्षेत्रों में हिंसक झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सेनाओं के बीच गतिरोध शुरू हो गया था। 15 जून 2020 को गलवान घाटी में तनाव बढ़ गया था। इसके बाद दोनों देशों ने सीमा पर सैन्य बलों और हथियारों की तैनाती बढ़ी दी थी।