बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) ने बुधवार को बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरंग खोज निकाली। अधिकारियों ने कहा, सुरंग का निर्माण भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर किया गया था। आतंकियों को भारतीय सीमा में घुसपैठ कराने के लिए सुरंग का निर्माण किया गया था। बुधवार सुबह बीएसएफ जवानों ने गश्त के दौरान बोबियां गांव में सुरंग का पता लगाया। वरिष्ठ बीएसएफ अधिकारी और पुलिस मौके पर पहुंच गई है।
इससे पहले नगरोटा इनकाउंटर के बाद भी बीएसएफ ने 22 नवंबर 2020 को सांबा के रिगल क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरंग का पता लगाया था। सांबा के रिगल क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा से तकरीबन 160 मीटर दूर और बॉर्डर पर लगाए गए तारों के घेरे से 70 मीटर दूरी पर ये सुरंग पाई गई थी। सुरंग की गहराई 25 मीटर थी जो पाकिस्तान सीमा की ओर गई हुई थी।
नगरोटा इनकाउंटर के बाद सुरक्षा बलों की ओर से सघन तलाशी अभियान चलाया गया था। आतंकियों के सांबा में जतवाल गांव के पास ट्रक पर सवार होने का पता चला था। जिसके बाद सर्च ऑपरेशन के लिए स्पेशल टीम बनाई गई थी। बीएसएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीम ने सूचना के आधार पर जांच की थी, जिसमें अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास सुरंग का पता चला था। सुरंग का निकास भारतीय सीमा की ओर झाड़ियों में पाया गया था। सुरंग के निकास को मजबूती देने के लिए प्लास्टिक की बोरियों का प्रयोग किया गया था। इन बोरियों पर पाकिस्तान के कराची का नाम छपा था।.