जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के आतंकवाद-रोधी विशेष अभियान समूह (SOG) के सात अधिकारी और विशेष पुलिस अधिकारी (SPO) घाटी में नए आतंकी संगठन के रडार पर हैं। इसे लेकर खुफिया एजेंसियों सुरक्षा संबंधी चेतावनी जारी की है।
एजेंसियों ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि कश्मीर लिबरेशन वॉरियर्स नाम का एक नया आतंकी संगठन है, जिसने पिछले महीने टेलीग्राम एप पर जम्मू-कश्मीर पुलिस के लिए एक धमकी भरा पत्र 'शहीद नाइकू मीडिया ग्रुप' पर पोस्ट किया था। खुफिया एजेंसी ने अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि आतंकी समूह ने आतंकवादियों के बारे में जानकारी देने और भारत के खिलाफ जारी लड़ाई में समस्या पैदा करने के खिलाफ विशेष संचालन समूह और विशेष पुलिस अधिकारियों को चेतावनी दी है।
एजेंसी ने कहा कि आतंकी समूह ने सात अधिकारियों के नाम और विवरण भी पोस्ट किए हैं।एजेंसियों ने यह भी बताया कि समूह ने घाटी में जमीन खरीदने के खिलाफ गैर-कश्मीरियों को भी चेतावनी दी है।एजेंसी ने कहा, "उन्होंने बाहरी लोगों को जमीन बेचने वाले को मारने की धमकी भी दी है।"
केंद्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए के निरस्त होने के बाद जम्मू एवं कश्मीर के गैर-निवासियों के लिए कई कानूनों में संशोधन करके घाटी में जमीन खरीदने का मार्ग प्रशस्त किया है।गृह मंत्रालय के अनुसार, भारतीय नागरिक अब जम्मू एवं कश्मीर में बिना किसी अधिवास प्रमाणपत्र के भूमि खरीद सकते हैं। हालांकि नागरिकों को अभी कृषि भूमि खरीदने की अनुमति नहीं है। केंद्र ने जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख में जमीन खरीदने की उस शर्त को हटा दिया है, जिसमें निर्धारित था कि केवल राज्य का स्थायी निवासी ही जमीन खरीद सकता है।
घाटी में आतंकवाद-रोधी अभियानों के तहत, पिछले साल 221 आतंकवादी मारे गए थे। 2019 में कुल 153 आतंकवादी मारे गए। 2018 में यह संख्या 215 रही जबकि 2017 में कुल 213 आतंकवादियों को मार गिराया गया।
साथ ही घाटी में स्थानीय आतंकवादियों की भर्ती में वृद्धि हुई है। पिछले साल 166 स्थानीय लोग आतंकवादी समूहों में शामिल हुए थे। 2019 में 119 स्थानीय लोग आतंकी संगठनों में शामिल हुए और 2018 में कुल 219 स्थानीय लोग आतंकी समूहों के साथ जुड़े थे।