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देश के लिए मिसाल बना कश्मीर का ये गांव, 100 फीसदी लोगों ने लिए कोरोना का टीका, बना पहला गांव

देश के लिए मिसाल बना कश्मीर का गांव

कोरोना से पूरी दुनिया जंग लड़ रही है। कोरोना के खिलाफ मुख्य हथियार कोरोना की वैक्सीन है। भारत में तेजी से लोगों को वैक्सीन दी जा रही है। हालांकि कई जगहों पर लोग गलत जानकारी के चलते वैक्सीन लेने से डर भी रहे हैं। इन सभी बातों के बीच कश्मीर के एक गांव में सभी लोगों ने कोरोना की वैक्सीन ले ली। जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले के वावेन गांव ने 100 फीसदी कोरोना टीकाकरण हो गया है।

देश का पहला गांव है, जहां 100 फीसदी टीकाकरण हो चुका है। इस गांव में टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए जहां ग्रामीणों ने जागरुकता दिखाई है तो वहीं स्वास्थ्यकर्मियों ने भी कड़ी मशक्कत की है। जंगलों के बीच बसे इस गांव तक पहुंचने के लिए हेल्थ वर्कर्स को 11 किलोमीटर तक का सफर करना पड़ता था। बीते शुक्रवार को जब हेल्थ वर्कर्स की टीम इस गांव में पहुंची तो सभी 362 ग्रामीणों ने टीका लगवा लिया। गांव में ज्यादातर आबादी जनजातीय समुदाय की है, जो हमेशा गर्मियों में पहाड़ों की ओर निकल जाते हैं और अपने पशुओं संग पतझड़ के सीजन में ही लौटते हैं।

 

बांदीपोरा के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. मसरात ने कहा कि गांव में 18 साल से अधिक आयु के सभी लोगों को टीका लग चुका है।  उन्होंने कहा कि यदि हम इंतजार करते तो ये लोग पहाड़ों की ओर निकल जाते और फिर उन्हें टीका लगा पाना मुश्किल होता। ऐसे में हमने पहले ही यह टारगेट हासिल कर लिया है। अब अगला टीका 12 सप्ताह के गैप पर लगेगा और हमने उनसे उनके रूट के बारे में पूछ लिया है ताकि उन्हें पहाड़ों पर ही कहीं जाकर टीके लगाए जा सकें। डॉक्टर मसरात ने कहा कि यदि हम उन्हें अभी टीका नहीं लगा पाते तो फिर अक्टूबर में उनके लौटने तक इंतजार करना पड़ता।

 

शुरुआत में लोगों के मन में टीका को लेकर भय था। फिर डॉक्टरों ने लोगों को समझाया की यह टीका बिलकुल सुरक्षित है। इसके बाद लोग इसके लिए राजी हुए। डॉ. मसरात ने कहा, 'यह गांव पिछड़ा है, जहां सड़क, बिजली और मोबाइल नेटवर्क नहीं है। दो सप्ताह पहले जब हमने वहां टीम भेजी थी तो सरपंच समेत सिर्फ 6 लोग इसके लिए आगे आए थे। इसके बाद हमने सरपंच और उन लोगों को रोल मॉडल के तौर पर पेश किया, जिन्होंने टीका लगवा लिय़ा था। इसके बाद उन लोगों ने सभी को प्रेरित किया और सबके राजी होने पर टीकाकरण का 100 फीसदी लक्ष्य हासिल हो पाया।'