चारा घोटाले (Fodder Scam) में सजा काट रहे लालू यादव (Laloo Yadav) की जेल से बाहर आने की आशा फिर धूमिल हो गई है। झारखण्ड उच्चन्यायलय (Jharkhand High Court) ने लालू यादव की जमानत याचिका खारिज कर दी है। दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में दायर जमानत याचिका पर शुक्रवार को झारखंड हाइकोर्ट में सुनवाई हुई। करीब 3 घंटे तक चली सुनवाई के बाद ये फैसला लिया गया कि फिलहाल आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव को जमानत नहीं दी जाएगी।
दरअसल, लालू यादव की कुल सजा की आधी अवधि पूरी होने में अभी दो महीने का समय बाकी है। इसी आधार पर उनकी बेल याचिका रद्द हुई। अब कहा जा रहा है कि उनकी बेल पिटीशन दो महीने बाद फिर डाली जाएगी। इस संबंध में लालू यादव के वकील प्रभात कुमार ने बताया कि दो महीने बाद फिर से फ्रेश पिटीशन डालनी होगी। हाई कोर्ट का कहना है कि आधी सजा की अवधि पूरी करने में अभी दो महीने बाकी हैं।
इस बार लालू यादव को जमानत मिलने की संभावना काफी अधिक थी, क्योंकि दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में लालू यादव को सीबीआई कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई थी, जिसकी आधी अवधि यानी साढ़े तीन साल की सजा लालू काट चुके हैं। इसी बात को आधार बना कर लालू के वकील ने जमानत याचिका दायर की थी। लेकिन कोर्ट ने उनके वकील की बात को गलत बताया और जमानत याचिका खारिज कर दी।
इस मामले में पिछली सुनवाई 12 फरवरी को हुई थी। उस दिन अगली सुनवाई के लिए 19 फरवरी की तिथि तय की गई थी। लेकिन अब इस मामले में अगली सुनवाई दो महीने बाद होगी। लालू फिलहाल दिल्ली एम्स में भर्ती हैं।