Hindi News

indianarrative

प. बंगाल में चुनाव जीतने के लिए TMC ने ‘जिहादियों’ से किया गठजोड़! हिंसा पीड़ितों के लिए RSS का क्या है प्लान देखें रिपोर्ट

प. बंगाल में चुनाव जीतने के लिए टीएमसी का जिहादियों से गठजोड़?

पश्चिम बंगाल की चुनाव बाद हिंसा में क्या कट्टपंथी मुस्लिम जिहादी तत्व शामिल हैं। जिनका मकसद बंगाल में शरिया लागू करना है। क्या इन्हीं जिहादी तत्वों से प्रेरित और प्रभावित होकर बंगाल के मुसलमानों ने बीजेपी के खिलाफ वोट दिया और नतीजे आश्चर्यजनक तरीके से सामने आए। लेफ्ट और कांग्रेस के परंपरागत मुसलमान वोटर्स का टीएमसी को वोट डालना, किस ओर इशारा कर रहा है?  क्यापश्चिम बंगाल में ब्रहद बांग्लादेश जैसी कोई अवधारणा विकसित हो रही है?ये सवाल की सामान्य व्यक्ति या संस्था के नहीं बल्कि दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में तारी हैं।

मीडिया के विभिन्न वर्गों में इस बात की चर्चा है कि प. बंगाल में चुनाव से पहले जिहादी तत्व सक्रिए थे। यही लोग चुनाव बाद हिंसा में भी शामिल रहे। इन्हीं लोगों ने बीजेपी के समर्थकों और कार्यकर्ताओं में खौफ पैदा करने के लिए हत्या, बलात्कार और आगजनी करने लगे। सबसे खतरनाक बात तो यह है कि इन तत्वों को ‘राज्य’का परोक्ष समर्थन भी है।

इसीविषय में संघ की ओर से एक बयान आया है। जिसमें कहा गया है कि बंगाल में जो हो रहा है वो प्रजातंत्र के लिए खतरा है। तृणमूल कांग्रेस इन जिहादी तत्वों के खिलाफ खड़े होने वालों को चुप कराने की कोशिश कर रही है।संघ ने पश्चिम बंगाल में हिंसा प्रभावित परिवारों की मदद और उनकी सुरक्षा के उपायों को अमल में लाए जाने की आवश्यकता जताई है।

ऐसा भी समझा जा रहा है कि संघ पश्चिम बंगाल में टीएमसी और जिहादी तत्वों की मिली भगत से सिर्फ बंगाल के भद्र जगत को ही नहीं बल्कि पूरे भारत के बहुसंख्यकों को परिचित कराना चाहता है। संघ को चिंता इस बात की है कि टीएमसी ने जिहादियों के साथ मिलीभगत का जो मॉड्यूल अपनाया है उसे कहीं उत्तर प्रदेश-मध्य प्रदेश हिंदी पट्टी के राज्यों में क्षेत्रीय दलों ने अपनाने की कोशिश की तो भारतीय लोकतंत्र के लिए गंभीर संकट पैदा हो सकता है।