राजधानी दिल्ली में गुरुवार को पीएम आवास पर जम्मू कश्मीर को लेकर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक करीब साढ़े तीन घंटे तक चली। शाम 6:30 बजे के करीब यह बैठक खत्म हुई। पीएम मोदी समेत कई अहम नेता इस बैठक में शामिल हुए। देश की विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के साथ ही जम्मू-कश्मीर के चार पूर्व मुख्यमंत्रियों डॉ फ़ारूक़ अब्दुल्लाह, उमर अब्दुल्लाह, महबूबा मुफ़्ती और ग़ुलाम नबी आज़ाद भी इस बैठक में शामिल हुए।
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि यह बैठक एक महत्वपूर्ण क़दम है। साथ ही उन्होंने यह भी लिखा कि राज्य में चुनाव होने चाहिए ताकि लोगों को एक लोकतांत्रिक सरकार मिले। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया है, 'हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी मजबूती मेज के चारों तरफ बैठकर विचारों के आदान-प्रदान की योग्यता है। मैंने J&K के नेताओं से कहा कि लोगों, खासतौर से युवाओं को J&K का राजनीतिक नेतृत्व करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी आकांक्षाएं पूरी हों।"
Our democracy’s biggest strength is the ability to sit across a table and exchange views. I told the leaders of J&K that it is the people, specially the youth who have to provide political leadership to J&K, and ensure their aspirations are duly fulfilled. pic.twitter.com/t743b0Su4L
— Narendra Modi (@narendramodi) June 24, 2021
इस बैठक के बाद पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने एक बार फिर पाकिस्तान का राग अलापा। मुफ्ती ने कहा कि धारा-370 पर कोई समझौता नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा, 'मैंने बैठक में कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग धारा 370 के रद्द होने से नाराज हैं। हम जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को फिर से बहाल करेंगे। इसके लिए हम शांति का रास्ता अपनाएंगे। इस पर कोई समझौता नहीं होगा।' जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर कश्मीर पर पाकिस्तान वाली सोच का समर्थन किया।
महबूबा ने कहा, "लोगों पर यूएपीए लगाया जाता है, सख्ती लगाई जाती है उसे बंद किया जाना चाहिए। जेलों में जो राजनीतिक कैदी हैं उन्हें रिहा किया जाना चाहिए। हमारे प्राकृतिक संसाधनों की हिफाजत की जानी चाहिए। जम्मू कश्मीर के लोग बहुत तंग हैं। वो अगर ज़ोर से सांस लेते हैं तो भी उन्हें जेल में रख दिया जाता है। ये बंद होना चाहिए।" पीडीपी अध्यक्ष ने बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मैंने बैठक में प्रधानमंत्री की प्रशंसा की और कहा कि आपने पाकिस्तान से बातचीत की, जिसके बाद सीजफायर लागू हुआ और घुसपैठ कम हुई। उन्होंने कहा कि दूसरे मुद्दों पर भी पाकिस्तान के साथ बातचीत होनी चाहिए।
कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में इस केंद्रशासित प्रदेश के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने, चुनाव कराने और कश्मीरी पंडितों की वापसी सुनिश्चित करने की मांग की। पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के मुताबिक, कांग्रेस की ओर से यह मांग भी उठाई गई कि जमीन एवं रोजगार के मामलों में राज्य के डोमेसाइल की गारंटी दी जाए साथ ही राजनीतिक बंदियों को रिहा किया जाए।
प्रधानमंत्री के आवास पर हुई बैठक के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री आजाद ने संवाददाताओं से कहा, ‘इस बैठक में हमने पांच मुद्दे उठाए हैं। पहला यह कि जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाए। दूसरा, वहां चुनाव कराए जाएं।’ उन्होंने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में बहुत लंबे समय से राज्य के डोमेसाइल के नियम रहे हैं। हमारा यह कहना है कि केंद्र सरकार को गारंटी देनी चाहिए कि जमीन और रोजगार को लेकर डोमेसाइल होगा।’