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कन्नड़ के मशहूर लेखक वेंकटसुब्बैया का निधन, 107 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

photo courtesy Venkatasubbiah

मशहूर कन्नड़ लेखक, संपादक, लेक्सियोग्राफर और आलोचक वेंकटसुब्बैया अब नहीं रहे। 107साल की उम्र में उन्होंने आखिरी सांसे ली। वेंकटसुब्बैया ने आठ से ज्यादा शब्दकोशों को प्रकाशित किया। उनका जन्म 23अगस्त 1913को मंड्या जिले के गंजम गांव हुआ था। उनके पिता गंजम थिमनियाह एक प्रसिद्ध कन्नड़ और संस्कृत विद्वान थे। सरकारी नौकरी होनने की वजह से उनके पिता का तबादला एक जगह से दूसरी जगह होता रहता था। 1930में उनका परिवार मैसूर शहर में आ गया है। यहां उन्होंने अपने इंटरमीडिएट कोर्स के लिए युवराज कॉलेज में एडमिशन लिया।

इसके अलावा, उन्होंने मैसूर के महाराजा कॉलेज से बैचलर ऑफ आर्ट्स (ऑनर्स) की डिग्री हासिल की। वेंकटसुब्बैया का साहित्यिक में योगदान काफी रहा। उन्होंने 10से ज्यादा शब्दकोशों को संकलित किया है, जिसमें आठ-खंड कन्नड़-कन्नड़ निघंटु जैसे शब्दकोश शामिल है। इस डिक्शनरी का अनुवाद ब्रेल ट्रांसक्रिप्शन सेंटर के कैनरा बैंक रिलीफ एंड वेलफेयर सोसाइटी द्वारा ब्रेल भाषा में भी किया गया है। वेंकटसुब्बैया कन्नड़ इनसाइक्लोपीडिया प्रोजेक्ट, श्रवणबेलगोला और कन्नड़ साहित्य परिषद की मासिक पत्रिका कन्नड़ नुडी के संपादक के रूप में शामिल थे। उन्होंने 17सालों तक भारत के लेक्सोग्राफ़िक एसोसिएशन के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया है।