केरल में मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन के पूर्व सचिव और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एम. शिवशंकर की गिरफ्तारी के बाद विपक्ष ने विजयन से इस्तीफे की मांग की है। अदालत में पेश हुए शिवशंकर को सोने की तस्करी मामले में एक सप्ताह के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया गया है। ईडी ने धन शोधन रोकथाम अधिनियम के तहत मामले में शिवशंकर को पांचवां आरोपी बनाया है। जबकि सोना तस्करी के मामले में मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश, पी.एस. सरिथ, संदीप नायर और फैजल फरीद हैं।
शिवशंकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद ईडी ने बुधवार को उन्हें राज्य की राजधानी के एक आयुर्वेद संस्थान से हिरासत में लिया था। गुरुवार सुबह ईडी ने उन्हें एर्नाकुलम के प्रिंसिपल सेशन कोर्ट में पेश किया। अदालत में शिवशंकर ने कहा कि उन्हें ईडी परेशान कर रही है। उनसे रात 1 बजे तक पूछताछ करने के बाद सुबह साढ़े 5 बजे से फिर से पूछताछ की गई। जबकि वह दो सप्ताह से आयुर्वेदिक उपचार पर हैं।
वहीं ईडी ने कहा कि शिवशंकर जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद एक सप्ताह की पूछताछ के लिए शीर्ष आईएएस अधिकारी को ईडी को सौंप दिया। अदालत ने ईडी से कहा है कि वे तीन घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें एक घंटे का आराम दें और वकील-डॉक्टर से मिलने की अनुमति भी दी।
गुरुवार को पूरे राज्य में कांग्रेस और भाजपा दोनों के विभिन्न संगठनों ने विजयन के इस्तीफे की मांग को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन किया। विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने कहा, "विजयन कहां हैं, वह कुछ दिनों से दिखाई नहीं दिए। वह मामलों से इस तरह से दूर नहीं जा सकते। पहले उन्होंने स्वप्ना के साथ मीटिंग को लेकर एक शब्द भी नहीं कहा। फिर बार-बार बयान बदले। विजयन को सब कुछ पता है और वह इस तरह छिपकर नहीं बैठ सकते।"
राज्य के भाजपा अध्यक्ष के.सुरेंद्रन ने यह कहकर एक और धमाका कर दिया कि उनके पास ठोस जानकारी है कि इस मामले में शिवशंकर अकेले नहीं हैं।
सुरेंद्रन ने कहा कि जब विजयन यूएई में थे, तब स्वप्ना भी वहां थी। उन्होंने आगे कहा, "शिवशंकर के अलावा विजयन के कार्यालय के दो और अधिकारियों की भी इसमें भूमिका है। तस्करी करने वाला गिरोह विजयन के ऑफिस भी गया था और उनके 2 राज्य मंत्रियों के साथ भी संबंध हैं। मैं इसे पूरी जिम्मेदारी के साथ कहता हूं, यह केवल राजनीतिक आरोप नहीं है।"
वहीं विजयन के करीबी नेता एम.वी. गोविंदन ने कहा कि विजयन के इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता है। उन्होंने कहा, "अगर कोई व्यक्ति नैतिक जिम्मेदारी की बात करता है तो बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आनी चाहिए, क्योंकि शिवशंकर केंद्रीय सेवा के अधिकारी हैं। जांच को आगे बढ़ने दें, माकपा को डरने की जरूरत नहीं है।"
इस बीच सीमा शुल्क विभाग भी शिवशंकर की हिरासत चाहता है। शिवशंकर की तरफ से कोर्ट में जमानत याचिका दायर किए जाने की संभावना है।.