<a href="https://hindi.indianarrative.com/vichar/farm-law-kisan-protest-in-china-pak-style-is-not-good-for-nation-says-up-kisan-leaders-21143.html"><strong><span style="color: #000080;">किसान आंदोलन</span></strong></a> जायज (Kisan Agitation) है, क्या दिल्ली को बंधक बनाना जायज है या कुछ क्या अपनी मांगों को मनवाने के लिए लाखों रोजी पर संकट डालने का अधिकार रखते हैं और क्या प्रदर्शनाकरियों पर लाठी चार्ज या वाटर चार्ज करना गलत नहीं है। इन सारे सवालों पर बुधवार यानी बहस होनी है। आज दुनिया भर के लोगों की निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर रहेंगी।
कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच ठनी हुई है। किसान तीनों कानूनों की वापसी के लिए डटे हुए हैं तो वहीं सरकार किसी सूरत पर कानून वापस नहीं लेने की बात कह रही है। ऐसे में किसान काफी दिनों से दिल्ली की तमाम सीमाओं पर डेरा डालकर आंदोलन कर रहे हैं। आज सुप्रीम कोर्ट इस बात का फैसला करेगा कि क्या हाइवे जाम करना या आंदोलन करना जायज है या नहीं।
कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर हो रहे किसानों के आंदोलन (Kisan Agitation) को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि इससे आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की बेंच सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट में किसान आंदोलन से जुड़ी अब तक तीन याचिकाएं दाखिल की गई हैं।
इसके अलावा <strong><a href="https://en.wikipedia.org/wiki/Narendra_Modi"><span style="color: #000080;">पीएम मोदी</span></a></strong> ने भी अपने गुजरात दौरे में किसानों को विश्वास में लेने की कोशिश की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के कच्छ में दुनिया के सबसे बड़े नवीकरणीय ऊर्जा पार्क के शिलान्यास कार्यक्रम में पीएम मोदी ने किसान आंदोलन (Kisan Agitation) का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग राजनीति कर रहे हैं और किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर चला रहे हैं। उन्हें देश का किसान परास्त करके रहेगा।.