एमएसपी की गारंटी को लेकर शुरू हुआ किसान आंदोलन 35वें दिन जारी रहा। सातवें दौर की वार्ता से कोई हल नहीं निकला है। आंदोलन बरकरार है। सरकार की ओर से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि वार्ता सौहार्द्र पूर्ण वातावरण में हुई। चार में से दो बिंदुओं पर सहमति बन गई है। दो बिंदुओं पर अभी गतिरोध है। आगामी 4 जनवरी को आठवें दौर की वार्ता होगी।
इससे पहले किसान नेताओं ने अपनी कुछ और मांगें सामने रखीं जिन पर सरकार ने सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया। किसान नेता आंदोलन के दौरान विभिन्न कारणों से मृत किसानों के लिए भी मुआवजे की मांग कर रहे थे। इससे पहले सरकार ने किसान नेताओं ने कहा कि उनकी सभी आशंकाओँ के निराकरण के लिए एक उच्चस्तरीय समिति बनेगी जो निर्धारित समय सीमा में किसानों से बात करते एक उचित समाधान समाने रखेगी।
इस समिति में कौन-कौन शामिल होगा। इस पर सरकारने कहा कि किसान नेता अपने प्रतिनिधियो के नाम सरकार को दे सकते हैं। सरकार की ओर मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल ने किसानो को समझाया कि कानून वापस लेने की प्रक्रिया बहुत जटिल है। इससे किसानो का हित होने के बजाए अहित हो सकता है। और हम सभी का मकसद किसानों का हित सोचना है। जब मकसद एक है तो संघर्ष कैसा। जिन बिंदुओं पर मतभेद हैं उनमें संशोधन किए जा सकते हैं अथवा कमेटी जो फैसला करेगी उसके अनुसार अगली प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
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