भारत की कूटनीति रंग ला रही है। एक तरफ जहां सऊदी अरब ने पाकिस्तान से बाकी 2 बिलियन डॉलर तुरंत वापस मांगे हैं तो वहीं यूएई ने कश्मीर में 80 लाख डॉलर से फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाने जा रहा है। भारतीय सेना अध्यक्ष एमएम नरवणे की यात्रा के आखिरी दिन यूएई ने अपने सबसे पॉप्युलर इंटरनेशनल लूलू ग्रुप को भारत में निवेश की मंजूरी दे दी है। लूलू ग्रूप ने दुबई में चल रहे यूएई-इंडिया फ़ूड सेक्यूरिटी समिट के दौरान इस प्रोजेकट के एमओयू पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि भारतीय कश्मीर में यूएई के भारी निवेश से पाकिस्तान सरकार सदमे में चली गई है। इमरान खान को खुद भी बहुत बड़ा धक्का लगा है।
<img class="wp-image-21356 size-full" src="https://hindi.indianarrative.com/wp-content/uploads/2020/12/Lu-Lu-Group-Modi.jpg" alt="Lu Lu Group-Modi" width="1280" height="720" /> संयुक्त अरब अमीरात भारत के कश्मीर में लाखों डॉलर निवेश कर रहा है- पाकिस्तान लोग भूखे मर रहे हैं?लूलू ग्रुप के प्रवक्ता ने कहा कि यह योजना पहले ही तैयार कर ली गई थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण इसमें देरी हो रही थी। अब हालात सामान्य होने पर इसकी घोषणा की गई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि फूड प्रोसेसिंग एंड लॉजिस्टिक्स सेंटर के लिए जम्मू क्षेत्र में अगली फरवरी तक जमीन फाइनल हो जाएगा।
इस प्रोजेक्ट से करीब 300 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। लुलु ग्रुप ने पिछले साल कश्मीर से सेब और केसर का आयात शुरू किया था। नए निवेश से आयात में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होगी। लूलू ग्रुप भारत से सालाना करीब 400 करोड़ रुपए के फार्म उत्पादों और अन्य फूड आइटम्स का आयात करता है। इन उत्पादों की बिक्री मिडिल ईस्ट के बाजारों में फैले 190 से ज्यादा हाइपर-मार्ट चेन के जरिए होती है।
लूलू ग्रुप ने इस साल अब तक भारत से 38,330 टन चावल, दाल, चाय, काजू, मीट और मीट उत्पाद, स्नैक और अन्य खाद्य पदार्थों का आयात किया है। यह आयात करीब 420 करोड़ रुपए का रहा है। इसमें जम्मू एंड कश्मीर की बड़ी भागीदारी रही है। इस साल जनवरी से नवंबर के बीच 400 टन कश्मीरी सेब का आयात किया गया है। लूलू ग्रुप के फाउंडर चेयरमैन युसुफ अली केरल के रहने वाले हैं और लूलू का कोच्चि में सबसे बड़ा मॉल भी है।.