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माफिया सरगना Mukhtar Ansari के गुर्गों के खिलाफ UP Police का Action, नामी-बेनामी संपत्तियों की जब्ती-कुर्की

मुख्तार अंसारी से जुड़े लोगों की नामी-बेनामी संपत्ति होगी जब्त

बांदा जेल में बंद बहुजन समाज पार्टी के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को लेकर की ईद से एक दिन पहले कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ गई है। अब वह इस वैश्विक माहामारी के संक्रमण से मुक्त है लेकिन यूपी प्रशासन के एक्शन से अभी मुक्त नहीं हुआ है। यूपी पुलिस अब उसके साथ जुड़े लोगों की, रिस्तेदारों की पहचान कर नामी-बेनामी संपत्ति पर कार्रवाई करनी शुरू कर दी है।

उत्तर प्रदेश पुलिस ने मुख्तार अंसारी के बाराबंकी में नेटवर्क के साथ उससे जुड़े रहे लोगों की संपत्ति का ब्योरा जुटा रही है। डीएम के आदेश पर चल-अचल संपत्ति को चिह्नित करने का काम शुरू हो गया है। इसके लिए डीएम ने पांच विभागों के विभागाध्यक्षों को जिम्मेदारी सौंपी है। बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के लिए 2013 में एंबुलेंस का फाइनेंस और फिर पंजीयन कराया गया। इससे वह न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पंजाब में भी पेशी जाता था। इसका राजफाश हुआ तो एक अप्रैल को कोतवाली पुलिस ने जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया।

विवेचना में मुख्तार अंसारी सहित कुल छह लोगों का नाम मुकदमे में शामिल कर मऊ स्थित हॉस्पिटल की संचालिका डा. अलका राय उसके सहयोगी डा. शेषनाथ राय और राजनाथ यादव को सलाखों के पीछे भेज दिया गया। इस एंबुलेंस को बाराबंकी में पंजीयन कराने में मुख्तार के नेटवर्क से जुड़े कौन लोग थे, इसका राजफाश करना पुलिस के लिए अभी शेष है। पुलिस की विवेचना में जिन करीबी लोगों का नाम प्रकाश में आया है।

पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने उन लोगों की नामी और बेनामी संपत्ति का पता लगाने के लिए टीम बना दिया। और ऐसे लोगों की संपत्ति का ब्यारा एकत्र करने का आदेश जारी किया है। यह जिम्मेदापी उप जिला मजिस्ट्रेट नवाबगंज, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी, अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका नवाबगंज, उप निबंधक नवाबगंज और महाप्रबंधक लघु उद्योग को सौंपी गई है।