यूपी में विकाश दुबे स्टाइल में एक और एनकाउंट किया गया है। लखनऊ पुलिस ने अजीत सिंह हत्याकंड के मुख्य आरोपी गिरधारी को मार गिराया है। बताया जा रहा है कि गिरधारी को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस राजधानी के खरगापुर इलाके में हत्या में प्रयुक्त असलहे की तलाश के लिए लेकर पहुंची थी। इसी दौरान गिरधारी ने असलहा छीनकर भागने का प्रयास किया और फिर मुठभेड़ में मारा गया।
एनकाउंटर की कहानी कानपुर के बिकरू कांड के आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर जैसी ही है। विकास दुबे को भी असलहा छीनकर भागने के प्रयास के दौरान मार गिराया गया था। पुलिस का कहना है कि उस वक्त जब पुलिस के जवान गिरधारी को गाड़ी से उतार रहे थे, उसे वक्त उसने वहां मौजूद सब इंस्पेक्टर अख्तर उस्मानी पर हमला किया और फिर उनकी पिस्टल लेकर भागने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस टीम के साथ मौजूद एसआई अनिल सिंह ने उसका पीछा किया, जिसके बाद गिरधारी यहां की झाड़ियों के रास्ते भागने की कोशिश करने लगा।
घटना की सूचना तत्काल कंट्रोल रूम को दी गई, जिसके बाद लखनऊ के एसीपी ईस्ट समेत कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई। इसके बाद सख्त घेराबंदी कर गिरधारी को सरेंडर करने की चेतावनी दी गई। पुलिस की सख्त घेराबंदी के बीच गिरधारी लगातार लूटी हुई पिस्टल से फायरिंग करता रहा, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में पुलिस अधिकारियों ने भी कई राउंड गोलियां चलाई। इस कार्रवाई में गिरधारी गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल गिरधारी को गिरफ्तार कर पुलिस ने तत्काल उसे पास में मौजद राम मनोहर लोहिया अस्पताल के इमर्जेंसी वॉर्ड में पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
ठीक इसी तरह बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे का भी एनकाउंटर हुआ था, वह भी हथियार छीनकर भागने की कोशिश कर रहा था और पुलिस की जवाबी कार्रवाई में मारा गया था।