मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य की सरकारी नौकरी सिर्फ स्थानीय लोगों को देने का ऐलान किया है। इस फैसले को जहां भाजपा ने ऐतिहासिक करार दिया है, वहीं कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाए हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने मंगलवार को ऐलान किया कि राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण फैसला किया है कि मध्य प्रदेश की शासकीय नौकरियां अब सिर्फ राज्य के लोगों को ही दी जाएगी। इसके लिए हम आवश्यक कानूनी प्रावधान कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के संसाधन राज्य के बच्चों के लिए।
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<p dir="ltr" lang="hi">मेरे प्यारे भांजे-भांजियों! आज से मध्यप्रदेश के संसाधनों पर पहला अधिकार मध्यप्रदेश के बच्चों का होगा। सभी शासकीय नौकरियाँ सिर्फ मध्यप्रदेश के बच्चों के लिए ही आरक्षित रहेंगी। हमारा लक्ष्य प्रदेश की प्रतिभाओं को प्रदेश के उत्थान में सम्मिलित करना है।<a href="https://twitter.com/hashtag/MPjobs4MPstudents?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw">#MPjobs4MPstudents</a> <a href="https://t.co/f0DEkpAvxh">pic.twitter.com/f0DEkpAvxh</a></p>
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) <a href="https://twitter.com/ChouhanShivraj/status/1295631235666989056?ref_src=twsrc%5Etfw">August 18, 2020</a></blockquote>
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मुख्यमंत्री चौहान के सरकारी नौकरी राज्य के युवाओं को दिए जाने के फैसले का भाजपा ने स्वागत करते हुए इसे एक ऐतिहासिक कदम बताया है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य के संसाधन राज्य के बच्चों के लिए होने का जो फैसला लिया है, वह ऐतिहासिक है।
मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरियां राज्य के बच्चों और नौजवानों को ही मिलेंगी, इसके लिए राज्य सरकार और मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताता हूं। इस फैसले से राज्य के नौजवानों और बच्चों में अपार उत्साह है, शर्मा ने कहा।
वही, कांग्रेस ने इस निर्णय पर सवाल उठाए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ ने कहा है कि यह कहीं सिर्फ घोषणा और छलावा बनकर न रह जाए। उन्होंने कहा, मैंने अपनी 15 माह की सरकार में प्रदेश के युवाओं के लिये कई प्रावधान किये ताकि उनको प्राथमिकता से रोजगार मिले। उद्योग नीति में परिवर्तन कर 70 फीसदी प्रदेश के स्थानीय युवाओं को रोजगार देना अनिवार्य किया। युवा स्वाभिमान योजना लागू कर युवाओं को रोजगार देने की कोशिश की।
कमल नाथ ने मुख्यमंत्री चौहान और भाजपा से सवाल किया, आपकी 15 साल की सरकार में प्रदेश में बेरोजगारी की क्या स्थिति रही, यह किसी से छुपा नहीं है। युवा हाथों में डिग्री लेकर नौकरी के लिये दर-दर भटकते रहे। क्लर्क व चपरासी की नौकरी तक के लिये हजारों डिग्रीधारी लाइनों में लगते रहे। मजदूरों व गरीबों के आंकड़े इसकी वास्तविकता खुद बयां कर रहे हैं। पिछली 15 वर्ष की सरकार में कितने युवाओं को आपकी सरकार ने रोजगार दिया, यह भी पहले आपको सामने लाना चाहिये।
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<p dir="ltr" lang="hi">प्रदेश के युवाओं के हक़ के साथ पिछले 15 वर्ष की तरह वर्तमान में भी छलावा ना हो , वे ठगे ना जाये , यह आगामी उपचुनावों को देखते हुए मात्र चुनावी घोषणा बन कर ना रह जाये , इस बात का ध्यान रखा जावे अन्यथा कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी।
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— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) <a href="https://twitter.com/OfficeOfKNath/status/1295637581833465856?ref_src=twsrc%5Etfw">August 18, 2020</a></blockquote>
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उन्होंने आगे कहा, 15 वर्ष बाद आज युवाओं के रोजगार को लेकर आप नींद से जागे, आज आपने प्रदेश के युवाओं को प्राथमिकता से नौकरी देने के हमारे निर्णय के अनुरूप ही घोषणा की, लेकिन यह पूर्व की तरह ही सिर्फ घोषणा बन कर ही न रह जाये। प्रदेश के युवाओं के हक के साथ पिछले 15 वर्ष की तरह वर्तमान में भी छलावा न हो, वे ठगे न जाएं, यह आगामी उपचुनावों को देखते हुए मात्र चुनावी घोषणा बनकर ना रह जाये , इस बात का ध्यान रखा जाए अन्यथा कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी।.