आज महा शिवरात्रि का पर्व है। आज भगवान शंकर की पूजा अर्चना की जाती है। फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का व्रत किया जाता है। चतुर्दशी तिथि 12 मार्च दोपहर 3 बजकर 3 मिनट तक ही रहेगी। शिवरात्रि में रात के समय चतुर्दशी तिथि का अधिक महत्व है। क्योंकि शिवरात्रि का अर्थ ही है शिव की रात्रि और आज के दिन चतुर्दशी तिथि पूरी रात रहेगी। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा से व्यक्ति को विशेष फलों की प्राप्ति होती है।
मान्यताओं की मानें तो इस दिन विधि-विधान से पूजा-पाठ (Mahashivratri 2021Puja Vidhi) करने से भोले बाबा भक्तों के सारे कष्ट करते है। ऐसे में आइए जानते महाशिवरात्रि की सही तिथि, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, सामग्री लिस्ट, मंत्र जाप, आरती व इससे जुड़ी मान्यताएं और महत्व।
महाशिवरात्रि 2021 सामग्री सूची
इस दिन भगवान शिव की पूजा विश्ष सामग्रियों के साथ की जाती है। जैसे पुष्प, भॉग, धतूरा, बेर, आम्र मंजरी, गाय का दूध, गन्ने का रस, दही, देशी घी, शहद, गंगा जल, साफ जल, कपूर, दीपर, रुई, चंदन, मेवा, पंच रस, गंध रोली, रत्न, बर्तन आदि। इस दिन शिवलिंग की विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जानी चाहिए। ऐसी मान्यता है कि जो जातक शिवरात्रि पर विधि-विधान से व्रत रखते हैं उनके सभी कष्टों को भगवान शिव हर लेते हैं। साथ ही साथ इस दिन कुंवारी कन्याएं मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए भी व्रत रखती हैं।
पूजा की विधि
सूर्योदय से पहले स्नान करें, फिर व्रत का संकल्प लें इसके बाद भगवान शिव का जलाभिषेक करें। शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, फूल, अक्षत, भस्म, दूध, दही आदि से अर्पित करें, शिवपुराण, चालिसा समेत अन्य शिव मंत्रों का जाप करें और अंत में रात्रि में भी शिवजी की आरती और पूजा करें।
पूजा का मुहूर्त
महानिशीथ काल 11 मार्च को (आज) रात 11 बजकर 44 मिनट से रात 12 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही सुबह 9 बजकर 24 मिनट तक शिव योग रहेगा। उसके बाद सिद्ध योग लग जायेगा जोकि 12 मार्च सुबह 8 बजकर 29 मिनट तक रहेगा।
इस अवधि में भगवान भोले शंकर की पूजा अर्चना के साथ जलाभिषेक, रुद्राभिषेक करने से सारे मनोरथ पूरे होते हैं।