महाकुंभ में आखिर जिस बात का डर था वही हुआ। यहां कोरोना विस्फोट हुआ है। यहां 102 तीरथयात्री और 20 साधु कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। मेले में कई धार्मिक संगठन के प्रमुखों ने कोरोना टेस्ट कराने से इंकार कर दिया था। नतीजा ये है कि अब मेले में हालात बेहद खराब हो सकते हैं। वहीं, इस दौरान कोरोना गाइडलाइन्स का पालन नहीं किया जा रहा है। न तो मास्क दिख रहा है और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का ही पालन किया जा रहा है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अनुमान के अनुसार सोमवार को शाही स्नान में करीब एक लाख साधु-संतों ने पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाई थी। हरिद्वार के CMO डॉ. एसके झा ने अंग्रेजी अखबार को बताया कि साधुओं से निवेदन किया गया है कि वो खुद को आइसोलेट कर लें और खुद को श्रद्धालुओं से दूर रखें। शाही स्नान के दौरान कोविड प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ गई। हम उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि कोरोना से बचने के लिए क्या प्रोटोकॉल है लेकिन वो उसपर ध्यान ही नहीं दे रहे।
इसके आगे उन्होंने कहा कि, पिछले 24 घंटों में जून अखाड़ा के 5 साधु, निरंजनी अखाड़े के 2 साधु और नाथ व अग्नी अखाड़े का एक-एक साधु कोरोना संक्रमित पाया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले चार दिनों में 18 साधु संक्रमित पाए गए हैं, जिनमें अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के चीफ और निरंजनी अखाड़े के नरेंद्र गिरी भी शामिल हैं। गिरी की तबियत ज्यादा खराब होने के बाद उन्होंने ऋषिकेश के AIIMS में भर्ती करवाया गया है।