देश में कोरोना वायरस की वजह से जान गंवाने वालों के बीच महाराष्ट्र से एक राहत भरी खबर आई है, महाराष्ट्र में लातूर के कटगांव टांडा गांव में रहने वाले बुजुर्ग दंपति ने कोरोना से जंग जीत ली है। कोरोना से रिकवर हुए बुजुर्ग धेनु चव्हाण की उम्र 105 साल और उनकी पत्नी मोताबाई चव्हाण की उम्र 95 साल है। जब परिजनों ने बुजुर्ग दंपति को अस्पताल में भर्ती करवाया तब पड़ोसियों को उनके बचने की ज्यादा उम्मीद नहीं थी।
दोनों का इलाज लातूर के विलासराव देशमुख इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में चल रहा था। डॉक्टर ने बताया, 'बुजुर्ग दंपति 10 दिनों के लिए लातूर के विलासराव देशमुख इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में भर्ती थे। उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था और इस दौरान उन्हें एंटीवायरल खुराक भी दी गई थी।'
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डॉक्टरों ने 5 अप्रैल को धेनु चव्हाण को और 2 दिन बाद इनकी पत्नी को भी अस्पताल से छुट्टी दे दी। डॉक्टर्स का कहना है कि वक्त पर बीमारी का पता लगने और समय रहते इलाज हो जाने की वजह से बुजुर्ग दंपति कोरोना वायरस को हराने में सफल रहे। मतलब ट्रैकिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट यानी थ्री टी के जरिए 105 साल के बुजुर्ग और इनकी 95 साल की पत्नी भी कोरोना से जंग जीतने में कामयाब रहीं और यही थ्री टी कोरोना को पराजित करने का फॉर्मूला भी है।