महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस में हो रही बयानबाजियों को देखकर लग रहा है कि उद्धव सरकार के दिन लदने वाले हैं। कुछ दिन पहले एनसीपी नेता शरद पवार ने राहुल गांधी पर टिप्पणी की थी। पलटवार करते हुए कांग्रेस ने शरद पवार को जमकर सुनाया था। बीच में कूदी शिवसेना ने पवार का पक्ष लिया और कांग्रेस को चुप रहने का संकेत किया। इसके बाद छुटपुट-खटपट होती रही। इसके बाद शिवसेना के मुखपत्र सामना में कांग्रेस को लेकर टिप्पणी की गई तो कांग्रेस फिर हमलावर हो गई और बयान दिया कि शिवसेना से गठबंधन महाराष्ट्र तक ही सीमित है। शिवसेना यूपीए का हिस्सा नहीं है। इसलिए शिवसेना को यूपीए पर टिप्पणी करने से सोच विचार करना चाहिए। दरअसल, शिवसेना के मुखपृष्ठ में कहा गया था कि यूपीए का अध्यक्ष शरद पवार को होना चाहिए। इसी बात पर कांग्रेस की भोंहें तन गई थीं।
अभी यह विवाद खत्म नहीं हुआ था कि अब एक चिट्ठी बम फूट गया है। यह चिट्ठी बम कांग्रेस नेता संजय निरुपम के करीबी विश्वबंधु राय ने फोड़ा है। इस चिट्ठी से यह साबित हो गया है कि महाराष्ट्र में कांग्रेस शिवसेना और एनसीपी के साथ सहज नहीं है। कांग्रेस के स्थानीय नेता और मंत्री एनसीपी- शिवसेना के साथ ताल मेल नहीं बिठा पा रहे हैं। अब कांग्रेस नेताओं ने खुल कर कहना शुरू कर दिया है कि अगर महाराष्ट्र की महाअघाड़ी सरकार में कांग्रेस ज्यादा दिन रही तो ये दोनों मिल कर कांग्रेस को खत्म कर देंगे।
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मुंबई कांग्रेस के महासचिव और पूर्व सांसद संजय निरुपम के बेहद करीबी माने जाने वाले विश्वबंधु राय ने लिखा कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को लिखा पत्र। राय ने अपने पत्र में लिखा है कि कांग्रेस को खत्म करने की साजिश सहयोगी शिवसेना और एनसीपी कर रही हैं। लगातार हर मोर्चे पर कांग्रेस को मिटाने का प्रयास यह दोनों पार्टियां कर रही हैं। कांग्रेस का एनसीपी और शिवसेना के साथ गठबंधन आत्मघाती साबित होगा।
विश्वबंधु राय ने सोनिया गांधी को लिखे अपने पत्र में यह भी कहा है कि साल 2019 के विधानसभा चुनावों के दौरान जनता से जो भी वादे पूरे किए गए थे। उन्हें अभी तक पूरा नहीं किया गया है। कांग्रेस की स्थिति महाविकास अघाड़ी सरकार में बेहद दयनीय है। कांग्रेस को निरंतर दबाने का प्रयास शिवसेना और एनसीपी के नेता कर रहे हैं। ऐसे में यह गठबंधन कांग्रेस के लिए भविष्य में नुकसान दे साबित हो सकता है उन्होंने कहा कि राजभर से कांग्रेस का नामोनिशान मिटाने का प्रयास शुरू है।
महाराष्ट्र कांग्रेस के कई मंत्रियों ने भी इस बात को समय-समय पर कहा है कि महाविकास अघाड़ी सरकार में उन्हें उचित सम्मान और महत्व नहीं दिया जा रहा है। ऐसा कहने वालों में कुछ कैबिनेट मंत्री भी शामिल रहे हैं। हाल ही में जिस तरह से शिवसेना ने अपने सामना में संपादकीय छापकर कांग्रेस आलाकमान और कांग्रेस पार्टी की धज्जियां उड़ाई थी। उससे भी साफ जाहिर होता है कि कांग्रेस के पास इस सरकार में बहुत कुछ करने के लिए नहीं है।.