आज मकर संक्रांति है। देश के कई हिस्सों में आज यह त्योहार मनाया जा रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस दिन सूर्य देव सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य देव के मकर राशि में प्रवेश करते ही मकर संक्रांति की शुरुआत हो जाएगी। शाम करीब 5 बजकर 46 मिनट तक पुण्यकाल रहेगा। मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदी या तालाब में स्नान और दान करने से कई गुना पुण्य प्राप्त होता है।
मकर संक्रांति को देशभर में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। उत्तर भारत में इसे मकर संक्रांति कहा जाता है। असम में इस दिन को बिहू और दक्षिण भारत में इस दिन को पोंगल के नाम से जानते हैं। मकर संक्रांति के दिन पंतगबाजी का आयोजन होता है। इस दिन बच्चे-बुजुर्ग सभी पंतग उड़ाकर मकर संक्रांति सेलिब्रेट करते हैं। मकर संक्रांति हर साल 14 जनवरी मनाई को जाती है।
मकर संक्रांति का यह पर्व लगभग संपूर्ण भारतवर्ष में किसी न किसी रूप में मनाया जाता है जैसे उत्तर भारत में खिचड़ी, दक्षिण भारत में पोंगल, पंजाब और सिंध प्रदेश में लोहड़ी, गुजरात मे उत्तरायण, बंगाल में पौष संक्रांति, महाराष्ट्र और हरियाणा में माघी संक्रांति, कर्नाटक में सुग्गी हब्बा, ओडिशा में मकर चौल, असम में बिहू और कश्मीर मर शिशिर संक्रांत इसीलिए मकर – संक्रान्ति का पर्व का हमारे देश में विशेष महत्व है। मकर संक्रान्ति का काल देवताओं की मध्यरात्रि का काल होता है और इसके बाद देवता अपने दिन की ओर उन्मुख होने लगते हैं। इसिलए संहिता ग्रंथो में दिनोन्मुखत्वमेव दिनम कहकर इसे देवताओं का दिन कहा गया है।
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