बिहार की राजनीति में एक बार फिर से गरमा गर्मी शुरू हो गई है, क्योंकि पिछले कुछ दिनों से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी एनडीए और भाजपा को लेकर हमलावर रुक अख्तियार किए हुए हैं जिसके बाद से सियासी गलियारों में लगातार कयास लगाया जा रहा है कि मांझी कोई नई खिचड़ी पका रहे हैं। इसके साथ ही यह भी सवाल है कि, क्या जीतनराम मांझी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बीच कोई नया समीकरण बन रहा है। क्योंकि लालू-राबड़ी की 48 वीं वैवाहिक वर्षगांठ और अब लालू यादव के जन्मदिन पर मांझी के बधाई संदेशों और उसके बाद शुक्रवार को तेजप्रताप का उनके आवास पर जाकर मुलाकात करने से इस बारे में और तेजी से कयासबाजी होने लगी है।
मांझी से तेजप्रताप ने केवल मुलाकात ही नहीं बल्कि फोन पर अपने पिता और पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव से उनकी बात भी कराई। इस मुलाकात और बातचीत के बारे में मांझी ने मीडिया को बताया कि यह बिल्कुल गैर राजनीतिक और विशुद्ध पारिवारिक मामला है। उन्होंने कहा कि राजनीति में मतभेद तो होता है लेकिन मनभेद नहीं होता। लालू यादव के परिवार से उनके व्यक्तिगत और पारिवारिक सम्बन्ध हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती है कि यहां पति-पत्नी, मां-बेटा और बिल्कुल के करीब के रिश्तों में भी लोग अलग-अलग पार्टियों में रह सकते हैं। राजनीति के क्षेत्र में नीचे से लेकर ऊपर तक ऐसे अनेकों उदाहरण हैं।
इसके आगे उन्होंने कहा कि पारिवारिक संबन्धों के नाते ही उन्होंने लालू यादव-राबड़ी देवी को उनके विवाह की 48वीं वर्शगांठ पर बधाई दी थी और अब लालू यादव के जन्मदिन पर भी उन्हें शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि उनके ट्वीट से तेजप्रताप यादव को लगा कि उन्हें आकर मुलाकात करनी चाहिए और वे आए। वे आए तो बहुत सी बातें हुईं।
मांझी ने आगे कहा कि इसी दौरान तेजप्रताप यादव ने कहा कि-'पापा भी आपसे बात करना चाहते हैं। उन्होंने फोन मिलाकर लालू जी से बात कराई।' जीतनराम मांझी ने कहा कि फोन पर हुई बातचीत में उन्होंने लालू यादव को जल्द से जल्द पूर्ण रूप से स्वस्थ होने और दीघार्यु होने की कामना की। इसके साथ ही जन्मदिन की बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस बातचीत के कोई राजनीतिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए।