कोरोना के चैन को तोड़ने के लिए दिल्ली सरकार ने कल से लॉकडाउन का फैसला किया है। यह लॉकडाउन एक हफ्ते का है, लेकिन प्रवासी मजदूर फिर से उसी खौफ में घर लौटने लगे हैं। पिछली बार की तरह इस बार भी मजदूर अपने-अपने घर के लिए रवाना हो रहे हैं। लॉकडाउन की घोषणा के तुरंत बाद प्रवासी मजदूरों ने राजधानी से फिर बोरिया बिस्तर समेटकर अपने घरों की ओर पलायन शुरू कर दिया है। आनंद विहार बस टर्मिनल पर हजारों लोग पहुंच गए हैं। हर कोई जल्द से जल्द बस लेकर अपने घर पहुंच जाना चाहता है।
कल शाम से ही बस अड्डे पर भीड़ बढ़ने लगी थी। लोग किसी तरह से अपने घर जाना चाहते हैं। यहां एक बार फिर से 2020 जैसी भीड़ उमड़ पड़ी है जब मार्च में लॉकडाउन के ऐलान के बाद एक बार में आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर हजारों लोग की भीड़ लग गई थी। सोमवार को दिन भर आनंद विहार स्टेशन पर ऐसा ही दृश्य देखने को मिला। यहां से मजदूर लगातार अपने घरों की ओर जा रहे हैं और इंतजार कर रहे हैं कि किसी बस के जरिए उन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचने को मिल जाए। इसके चलते आनंद विहार और कौशांबी बस अड्डे पर भीड़ बढ़ती जा रही है।
पिछले साल भी लॉकडाउन के बाद दिल्ली से मजदूरों का इसी तरह पलायन हुआ था। उस समय ट्रेन और बसें बंद होने की वजह से लाखों प्रवासी मजदूर पदल ही अपने गांवों की ओर निकल गए थे। भूख-प्यासे मजदूरों ने हजारों किलोमीटर की दूरी तय की थी तो कई रास्ते में ही हादसों के शिकार हो गए। शहरों को छोड़कर चले गए मजदूर लॉकडाउन के बाद दोबारा रोजगार की तलाश में शहरों में लौटने को मजबूर हुए, लेकिन एक बार फिर लॉकडाउन के ऐलान से पिछले साल की तरह पलायन शुरू हो गया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी में एक हफ्ते की लॉकडाउन की घोषणा करते हुए प्रवासी लोगों से दिल्ली नहीं छोड़कर जाने की अपील की और कहा 'मैं हूं ना', लेकिन उसके बाद भी यहां आनंद विहार आईएसबीटी पर हजारों लोगों को अपने घर रवाना होने के लिए बस पाने की कोशिश करते देखा गया।