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सरकार ने Twitter को लगाई लताड़, सख्त कार्रवाई के संकेत, नोटिस भेजा

Blocking Twitter Accounts

भारत सरकार ने ट्विटर (Twitter) को एक नोटिस भेजा है, जिसमें देश में 'किसान नरसंहार' का आरोप लगाने वाले ट्वीट्स को हटाने के उसके आदेश का पालन न करने पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को चेतावनी जारी की गई है। दरअसल किसान आंदोलन के बीच पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक विवादित हैशटैग चलाया जा रहा था। 'हैशटैग मोदी प्लानिंग फार्मर जेनोसाइड' के साथ कंटेंट ट्विटर (Twitter) पर पोस्ट किए गए थे, जिसे सरकार ने भड़काऊ करार दिया है।

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि इसने अभियान को अप्रमाणित आधार पर समाज में दुरुपयोग, भड़काने और तनाव पैदा करने के लिए प्रेरित किया है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि नरसंहार के लिए उकसाना भाषण की स्वतंत्रता नहीं है, बल्कि कानून और व्यवस्था के लिए खतरा है।

यह कहते हुए कि ट्विटर ने सरकार के आदेश के बावजूद एकतरफा तरीके से खातों और ट्वीट्स को अनब्लॉक किया है, नोटिस में कहा गया है कि ट्विटर एक मध्यस्थ है और सरकार के निर्देश का पालन करने के लिए बाध्य है। अगर ट्विटर नियमों का आदेशों का उल्लंघन करता है तो ट्विटर खुद के लिए कानूनी कार्रवाई को न्यौता दे रहा है।

बता दें कि किसान आंदोलन के बीच पीएम मोदी के खिलाफ विवादित हैशटैग चलाए जाने के बाद भारत सरकार की तरफ से ट्विटर को कुछ अकाउंट्स को सस्पेंड करने के आदेश जारी किए गए थे। इसके बाद ट्विटर ने उन अकाउंट्स को सस्पेंड तो किया, लेकिन बाद में फिर से वे अकाउंट एक्टिव हो गए थे। अब भारत सरकार की तरफ से ट्विटर को कहा गया है कि वे भारत सरकार के आदेश का पालन करें, वरना उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ट्विटर पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 (ए) के उल्लंघन का आरोप है। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69ए के तहत 257यूआरएल और एक हैशटैग ब्लॉक करने के लिए मंत्रालय ने 31 जनवरी को एक अंतरिम आदेश पारित किया था।सरकार के अनुसार, अंतरिम आदेश इस आधार पर जारी किया गया था कि उक्त ट्विटर यूआरएल और हैशटैग विरोध के बारे में गलत सूचना फैला रहे हैं और देश में सार्वजनिक व्यवस्था की स्थिति प्रभावित हो रही है।

नोटिस में 26 जनवरी के पब्लिक ऑर्डर इश्यू का हवाला दिया गया है और कहा गया कि वैधानिक प्राधिकरण यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं कि कोई प्रतिकूल घटनाक्रम न हो।नोटिस में यह भी स्पष्ट किया गया है कि धारा 69 ए (3) अधिनियम की धारा 69 ए के तहत जारी निर्देशों का पालन न करने की स्थिति में विशिष्ट दंड का प्रावधान है।