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PM Modi ने पहले ही दिन नए मंत्रियों को दी नसीहत, “काम करोगे ईनाम मिलेगा वरना…!”

पीएम मोदी ने पहले ही दिन नए मंत्रियों को दी नसीहत, "काम करोगे ईनाम मिलेगा वरना...!"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्री परिषद का बुधवार को विस्तार हुआ है। कुल 43 लोगों को शपथ दिलाई गई है, इनमें 15 नेताओं ने कैबिनेट मंत्री और 28 राज्य मंत्री पद की शपथ ली है। ये नए मंत्री शपथ के एक दिन बाद यानी गुरुवार से अपना कार्यभार संभाल रहे हैं। लेकिन इससे पहले इन मंत्रियों की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात हुई। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने उन्हें संविधान की शपथ लेने से पहले कुछ और भी संकल्प दिलाए।

दरअसल, शुरु से लेकर अबतक देखा जाए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही कहा था कि वो भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं, न खाएंगे और न खाने देंगे। इसके साथ ही वो अपने काम को लेकर काफी सख्त हैं, यही वजह रहा है कि वो अपने मंत्रियों से सत प्रतिशत अपने कार्यों को सही समय पर निपटाने और जनता की हर समस्या का समधान करने की उम्मीद रखते हैं। पीएम मोदी द्वारा किए गए सारे वादे तय समय या फिर उससे पहले किया गया है, चाहे राम मंदिर, अनुच्छेद 370, गरिबों के हित में, बिजली, गैस कनेक्शन इस तरह की तमामा योजनाएं हैं जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तय समय से पहले पूरा किया है। यही वजह है कि वह अपने मंत्रियों से भी यही उम्मीद रखते हैं। नए मंत्रियों से भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन्हीं कार्यप्रणालियों को लेकर सख्त आदेश दिया है। और उनके सामने एक नहीं बल्कि तीन-तीन लक्ष्मण रेखाएं खींच दी है। आईए जानते हैं इसके बारे में…

भ्रष्टाचार पर खींची पहली लक्ष्मण रेखा

प्रधानमंत्री शुरु से ही भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं, उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में ही यह नारा दिया था कि, 'ना खाएंगे और ना खाने देंगे'। जनता का भी मानना है कि प्रधानमंत्री की जब से सरकार बनी है तब भ्रष्टाचार में कमी आई है। यहां तक उन्होंने भ्रष्टाचार मुक्त शासन का वादा किया और खुद को देश का प्रधानमंत्री नहीं प्रधानसेवक और चौकीदार बताया। विपक्ष को यह बात रास नहीं आई, और राहुल गांधी राफेल युद्धक विमान डील को लेकर पीएम मोदी को घेरने चल दिए, राफेल का आलाप लगाते हुए राहुल गांधी अपने सारे मर्यादा को तोड़ते हुए देश के प्रधानमंत्री को ही 'चौकिदार चोर है' जैसे कई अभद्र भाषा का प्रयोग किया। लेकिन उनके सारे अरमानों पर सुप्रीम कोर्ट ने पानी फेर दिया। देश की सबसे बड़ी न्यायपालिका ने सारे तथ्यों के पड़ताल के बाद मोदी सरकार को राफेल डील में क्लिन चिट दे दी। और राहुल गांधी फिर मुंह के बल गिर पड़े। प्रधानमंत्री अपने सारे मंत्रियों को शुरू में ही यह सख्त संदेश दिया था कि भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया कोई भी बख्शा नहीं जाएगा। यही वजह है कि नए मंत्रियों को बेहद स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि उनकी सरकार में करप्शन पर जीरो टोलेरेंस की पॉलिसी है।

मत्रिंयों के लिए पीएम मोदी की दूसरी लक्ष्मण रेखा

पहले की सरकारें योजनाएं की घोषणा कर देती थीं, शिलान्यस भी हो जाता था, लेकिन दशकों तक काम पूरा नहीं होता था। लेकिन मोदी सरकार में यह देखा गया है कि उन्होंने जो भी घोषणा किया है उसपर तत्काल काम हुआ है। यहां तक कि पहले की सरकारों में कई लंबित कार्यों में मोदी सरकार ने पूरा किया है। यही वजह रहा है कि पीएम मोदी जनता के बीच विपक्ष को इन्हीं मुद्दों पर जमकर घेरते हैं। पीएम मोदी द्वारा घोषणा की गई योजनाओं को तत्काल प्रभाव से पूरी किया जाता है, चाहे गरीबों के बीच मुफ्त गैस कनेक्शन का बंटवारा हो या गांव-गांव तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य, मोदी सरकार की कई योजनाएं निर्धारित तिथि से पहले ही पूरी कर ली गईं। पीएम मोदी का दावा है कि उनकी सरकार ने न केवल पिछली यूपीए की सरकारों बल्कि और भी पुरानी सरकारों के अधूरे कार्यों को पूरा किया है। यही वजह है कि प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने सभी नए मंत्रियों को हिदायत दे दी कि वो 15 अगस्त से पहले दिल्ली न छोड़ें। उनसे कहा गया कि वे अपने मंत्रालय के काम के पहले अच्छे से समझ लें ताकि कभी किसी को उंगली उठाने का मौका नहीं मिले और सरकार की किरकिरी होने का मौका ही नहीं पैदा हो। यही वजह है कि 12 मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। पीएम ने सारे मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड देखने में एक महीने से भी ज्यादा वक्त लगाया और जो उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे, उनकी छुट्टी कर दी गई, वो चाहे कितने भी बड़े चेहरे क्यों नहीं हों।

मंत्रियों के लिए पीएम मोदी की तीसरी लक्ष्मण रेखा

खबरों की माने तो प्रधानमंत्री ने कोरोना को ध्यान में रखते हुए अपने नए मंत्रियों को सख्त हिदायत दी है कि मंत्री बनने के जश्न में कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं किया जाए। इसके साथ ही इन्हें 15 अगस्त तक दिल्ली में रहने निर्देश दिया गया है। 15 अगस्त के बाद वो अपने समर्थकों के बीच होंगे तब कोरोना की स्थिति के अनुसार उन्हें जश्न मनाने की छूट मिल सकती है।

मीडिया की लाइमलाइट से रहें दूर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों को मीडिया की लाइमलाइट से भी बचने के लिए कहा है, दरअसल ऐसा इसलिए क्योंकि, कई बार यह देखा गया है कि किसी मंत्री के ऐसे बयान की वजह से विपक्ष को बैठे-बिठाए मुद्दा मिल जाता है और उसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ता है। ऐसे में पीएम मोदी ने नए मंत्रियों से दोटूक कहा है कि वो मीडिया के संपर्क में एक हद से ज्यादा नहीं रहें। पीएम ने हिदायत दी कि जरूरत हो तभी मीडिया से बात करें, यूं ही राह चलते मीडिया को बयान देते नहीं फिरें।