फिट इंडिया मूवमेंट की पहली वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक साल के भीतर-भीतर ये फिटनेस मूवमेंट लोगों का आंदेलन भी बन चुका है, और सकारात्मकता का आंदोलन भी बन चुका है। देश में हेल्थ और फिटनेस को लेकर जागरूकता भी निरंतर बढ़ रही है, और सक्रियता भी बढ़ी है। योग, आसन, व्यायाम, वॉकिंग, रनिंग, स्वीमिंग अब ये हमारे स्वभाव का हिस्सा बन रहे हैं।
मोदी ने कहा कि फिट इंडिया मूवमेंट ने अपना एक साल एक ऐसे समय में पूरा किया है जिसमें से करीब-करीब 6 महीने अनेक प्रकार के प्रतिबंधों के बीच गुजारना पड़ा है। लेकिन फिट इंडिया मूवमेंट ने अपने प्रभाव और प्रासंगिकता को इस कोरोनाकाल में सिद्ध करके दिखाया है। वाकई, फिट रहना उतना मुश्किल काम नहीं है जितना कुछ लोगों को लगता है। थोड़े से नियम से, और थोड़े से परिश्रम से आप हमेशा स्वस्थ रह सकते हैं।
मोदी ने कहा कि 'फिटनेस की डोज़, आधा घंटा रोज' इस मंत्र में सभी का स्वास्थ्य, सभी का सुख छिपा हुआ है। फिर चाहे योग हो, या बैडमिंटन हो, टेनिस हो, या फुटबाल हो, कराटे हो या कबड्डी, जो भी आपको पसंद आए, कम से कम 30 मिनट रोज़ कीजिये। अभी हमने देखा, युवा मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय ने मिलकर फिटनेस प्रोटोकॉल भी जारी किया है।
मोदी ने कहा कि संसार में श्रम, सफलता, भाग्य, सब कुछ आरोग्य पर, हेल्थ पर ही निर्भर करता है। स्वास्थ्य है, तभी भाग्य है, तभी सफलता है। जब हम नियमित रूप से व्यायाम करते हैं, खुद को फिट और मजबूत रखते हैं। एक भावना जागती है कि हाँ हम स्वयं के निर्माता हैं। एक आत्मविश्वास आता है। व्यक्ति का यही आत्मविश्वास उसको जीवन के अलग अलग क्षेत्रों में भी सफलता दिलाता है। यही बात परिवार, समाज और देश पर भी लागू है, एक परिवार जो एक साथ खेलता है, एक साथ फिट भी रहता है।.