संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हर भारतीय हिंदू है। मुंबई में ‘राष्ट्र प्रथम-राष्ट्र सर्वोपारी’ विषय पर एक संगोष्ठी में बोलते हुए कहा कि अंग्रेजों ने गलत धारणा बनाकर हिंदुओं और मुसलमानों को लड़ाया। भागवत ने कहा कि हमें मुस्लिम वर्चस्व की नहीं बल्कि भारत वर्चस्व की सोच रखनी होगी। आरएसएस प्रमुख ने मुसलमानों से कहा कि भारत से इस्लाम मिट जाएगा। क्या ये हुआ? नहीं, मुसलमान सभी पदों पर आसीन हो सकते हैं। मुंबई में आयोजित मुस्लिम बुद्धिजीवियों के एक कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत में रहने वाले हिंदू-मुस्लिम के पूर्वज एक समान हैं।
भागवत ने कहा कि अंग्रेजों ने भ्रांति पैदा करके हिंदुओं और मुसलमानों को लड़ाया। अंग्रेजों ने मुसलमानों से कहा कि अगर उन्होंने हिंदुओं के साथ रहने का फैसला किया तो उन्हें कुछ नहीं मिलेगा, केवल हिंदुओं को चुना जाएगा। अंग्रेजों की इसी नीति ने मुसलमानों को एक अलग राष्ट्र की मांग करने के लिए प्रेरित किया। इसी तरह से उन्होंने हिन्दुओं में भी भ्रांति पैदा की। उन्होंने हिंदुओं से कहा कि मुसलमान चरमपंथी हैं। उन्होंने दोनों समुदायों को लड़ा दिया। उस लड़ाई और विश्वास की कमी की वजह से दोनों समुदाय एक-दूसरे से दूरी बनाए रखने की बात करते रहे हैं। हमें अपना नजरिया बदलने की जरूरत है।
आरएसएस प्रमुख ने आगे कहा कि समझदार मुस्लिम नेताओं को कट्टरपंथियों के खिलाफ दृढ़ता से खड़ा हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदू शब्द मातृभूमि, पूर्वज और भारतीय संस्कृति के बराबर है। ये अन्य विचारों का असम्मान नहीं है। हमें मुस्लिम वर्चस्व के बारे में नहीं, बल्कि भारतीय वर्चस्व के बारे में सोचना है। भागवत ने कहा कि भारत के सर्वांगीण विकास के लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस्लाम आक्रांताओं के साथ आया। ये इतिहास है और इसे उसी रूप में बताया जाना चाहिए।