'मुख्तार अंसारी को एंबुलेंस देने वाली डॉ. अलका राय और एक अन्य शेषनाथ राय की गिरफ्तारी के बाद बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के कुछ और राज खुल सकते हैं। जिस मुख्तार अंसारी ने कृष्णानंद राय की हत्या करवाई थी डॉ. अलका राय उसी मुख्तार को राखी बांधती है। राज तो गहरा है लेकिन परतें खुल रही हैं।'
मुख्तार अंसारी जिस एंबुलेंस से पंजाब के रोपण जेल से मोहाली कोर्ट गया था उसको लेकर तब हंगामा मचा जब उसके फर्जी कागजात के बारे में खुलासा हुआ। इस एंम्बुलेंस का जब काला चिट्ठा खंगाला गया तो पता चला कि यह मऊ की डॉ अलका राय के नाम पर रजिस्टर है। अब जब डॉ अलका राय को इसके बार में भनक लगी कि पुलिस उनपर शिकंजा कसने वाली है तो वह खुद थाने पहुंच गई और अपने वोटर आईडी का गलत इस्तेमाल किए जाने का मामला दर्ज करा दी। पुलिस जांच में असलीयत कुछ और ही निकली। डॉ अलका राय तो विधायक कृष्णानंद राय के हत्यारे मुख्तार को राखी बांधती रही है। डॉ अलका राय ने खुद फर्जी कागजों से एंबुलेंस खरीदकर मुख्तार अंसारी को दी। किसी को अलका राय पर शक न हो इसलिए वो भाजपा गोरक्षा समिति में शामिल हो गई और प्रांतीय महामंत्री बन गई।
इस गड़बड़ घोटाले में एक शख्स और शामिल है। जिसका नाम शेषनाथ राय है। पुलिस ने डॉक्टर अलका के साथ शेषनाथ राय को भी गिरफ्तार कर लिया है। बाराबंकी ने बताया कि कूटरचित दस्तावेज के जरिए एम्बुलेंस का पंजीकरण कराया गया। अलका राय के खिलाफ फर्जी वोटर आईडी लगाकर एम्बुलेंस पंजीकृत कराने का मुकदमा शहर कोतवाली में एआरटीओ ने दर्ज कराया था।
वर्ष 2013 से एम्बुलेंस का उपयोग निजी कार्य मे किया जा रहा था, लेकिन भाजपा नेत्री अलका राय और उनके मुंहबोले भाई डॉ. शेषनाथ राय ने इस बात की सूचना पुलिस को नहीं दी। इससे स्पष्ट है कि इस मामले में दोनों की संलिप्तता है। पुलिस अब एक ओर एंगल से जांच कर रही है। जिसमें यह देखा जा रहा है कि क्या कृष्णान्द राय की हत्या से डॉक्टर अलका या शेषनाथ राय का कोई संबंध भी है?