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बांदा जेल पहुंचते ही मुख्तार अंसारी का बीपी होने लगा ऊपर-नीचे, योगी ने किए इलाज के ‘पुख्ता इंतजाम’

Mukhtar ansari vs yogi

14 घंटे के सफर के बाद यूपी का बाहुबली मुख्तार अंसारी बांदा जेल पहुंच गया है। सुबह करीब 4.30 बजे भारी सुरक्षा इंतजाम के बीच मुख्तार अंसारी का काफिला बांदा जेल पहुंचा। सुबह करीब 4 बजाकर 26 मिनट पर बांदा जेल का दरवाजा खोल दिया गया। काफिले की बाकी गाड़ियां रूक गईं और मुख्तार अंसारी की एंबुलेंस जेल में दाखिल हो गई।

सबको मालूम है की यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और मुख्तार अंसारी के बीच छत्तीस का आंकड़ा रहा है। साल 2005 में  मऊ में दंगे हुए थे। उस समय मुख्तार अंसारी खुली गाड़ी में दंगे वाली जगहों पर घूम रहा था। उसी समय मुख्तार पर दंगों को भड़काने का आरोप लगा था।

लेकिन आज व्‍हील चेयर पर और एंबुलेंस में बिल्‍कुल लाचार और बीमार नज़र आ रहे हैं। जेल जाते ही बीमार पड़ जाने की बाहुबलियों की आदत को देखते हुए कई लोगों के जेहन में सवाल उठ रहा है कि क्‍या वाकई मुख्‍तार बीमार हैं? आखिर उन्‍हें बीमारी क्‍या है?  वैसे पंजाब की रोपड़ जेल से बांदा जेल शिफ्ट किए जाने के साथ ही योगी सरकार ने मुख्‍तार के इलाज का पुख्‍ता इंतजाम भी कर दिया है। तय किया गया है कि मुख्तार अंसारी का इलाज मेडिकल कॉलेज में होगा। इस बाबत जिला प्रशासन और मंडल कारागार प्रशासन ने पत्र भेजा है। इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में चार सदस्यीय डॉक्टरों की टीम गठित की गई है। नोडल अफसर डॉ. अभिषेक राय को बनाया गया है। टीम में मेडिसिन के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. एसके यादव, डॉ. करन राजपूत और सर्जरी के असिस्टेंड प्रोफेसर डॉ. आरसी अरुण और डॉ. सौरभ अग्रवाल शामिल हैं।

साल बाद 2008 की बात है योगी आदित्यनाथ ने हिंदू युवा वाहिनी के नेतृत्व में एलान किया कि वो आजमगढ़ में आतंकवाद के खिलाफ रैली निकालेंगे। दिन तय हुआ, 7 सितंबर 2008, जगह- डीएवी कॉलेज का मैदान। सीएम योगी उसमें मुख्य वक्ता थे। रैली की सुबह, गोरखनाथ मंदिर से करीब 40 वाहनों का काफिला निकला। उन्हें आजमगढ़ में विरोध की पहले से ही आशंका थी, इसलिए टीम योगी पहले से ही तैयार थी। काफिले में योगी की लाल एसयूवी सातवें नंबर पर थी। आजमगढ़ के करीब पहुंचने तक काफिले में करीब 100 चार पहिया और सैकड़ों की संख्या में बाइक जुड़ चुकी थीं। एक पत्थर काफिले में मौजूद सातवीं गाड़ी यानि सीएम योगी के गाड़ी पर लगा। योगी के काफिले पर हमला हो चुका था। हमला सुनियोजित था।

उस वक्त योगी आदित्यनाथ ने संकेत दिया था कि उन पर किसने हमला करवाया था। तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि काफिले पर लगातार एक पक्ष से गोलियां चल रही थी, गाड़ियों को तोड़ा जा रहा था पुलिस मौन बनी रही। हम लोग इस लड़ाई को आगे बढ़ाएंगे, जिसने भी गोली मारी है अगर पुलिस कार्रवाई नहीं करेगी तो गोली मारने वालों को जवाब दिया जाएगा उसी भाषा में।

आज योगी प्रदेश के सीएम हैं और मुख्तार अंसारी एक अपराधी जिसके उपर कई मामले लंबित हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ हर कार्रवाई पर सीएम योगी आदित्यनाथ की रही नजर रही है।